UP Police Constable Exam : कांग्रेस बोली- सरकार सबसे पहले पेपर लीक योजना ले वापस, कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने पर कसा तंज

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Jun 20, 2024 12:52

यूपी कांग्रेस ने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले अचानक पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी को बदल दिया गया और इसके बाद गुजरात की संदिग्ध कंपनी एजुटेस्ट को पेपर कराने की जिम्मेदारी दी गई।

Short Highlights
  • भाजपा सरकार पर चालाकी से प्लान बनाने का लगाया आरोप
  • पेपर लीक होने के बाद साजिश बेनकाब होने की कही बात
Lucknow News: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के मामले में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं। भर्ती परीक्षाओं के रद्द होने को युवाओं से खिलवाड़ बताया जा रहा है। यूपी कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि सरकार को सबसे 'पेपर लीक योजना' वापस लेनी चाहिए। पार्टी ने निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार ने अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ी ही चालाकी के साथ प्लान बनाया था, लेकिन पेपर लीक होने के बाद इनकी साजिश बेनकाब हो गई।

कांग्रेस ने पेपर लीक को बताया भाजपा की क्रोनोलॉजी
यूपी कांग्रेस ने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले अचानक पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी को बदल दिया गया और इसके बाद गुजरात की संदिग्ध कंपनी एजुटेस्ट को पेपर कराने की जिम्मेदारी दी गई। पेपर लीक होने के बाद गुजरात की कंपनी एजुटेस्ट का मालिक विनीत आर्य विदेश भाग गया और ज्यादा बवाल होता देख मामले को ठंडा करने के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी को हटा दिया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए भाजपा सरकार की ये क्रोनोलॉजी है। भ्रष्टाचार में लिप्त भाजपा सरकार ने युवाओं को बर्बाद कर दिया।

कई नोटिस के बाद भी हाजिर नहीं हुआ एजुटेस्ट का मालिक
इस बीच कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद कंपनी एजुटेस्ट को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इसी कंपनी को कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी मिली थी। बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ ने प्रकरण की जांच के दौरान कंपी के मालिक विनीत आर्य को चार बार नोटिस भेजा गया, लेकिन वह एक बार भी हाजिर नहीं हुआ। एजुटेस्ट कंपनी ने ही कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर पहुंचाने के लिए नोएडा की लॉजिस्टिक्स कंपनी को ठेका दिया था। कंपनी के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस का मुआयना भी किया था। बताया जा रहा है कि वेयरहाउस में रखे बॉक्स से ही राजीव नयन मिश्रा के कहने पर शुभम मंडल को बुलाया और भर्ती का पेपर निकलवाया था।

एसटीएफ जांच शुरू होते ही अमेरिका भागा
यूपी एसटीएफ की जांच में इस बात का खुलासा होने पर एजुटेस्ट के मालिक विनीत आर्य को एक के बाद एक नोटिस भेजे गए। लेकिन, चार नोटिस भेजने के बाद भी विनीत अपना पक्ष रखने और जांच में सहयेाग करने के लिए हाजिर नहीं हुआ। कहा जा रहा है कि एसटीएफ की जांच की भनक मिलते ही विनीत आर्य अमेरिका चला गया और अभी तक वहां से नहीं लौटा है। उसे यहां आने पर अपने पकड़े जाने का डर सता रहा हैं

यूपीपीआरपीबी नए सिरे से तैयारियों में जुटा
उत्तर प्रदेश सरकार कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के कारण इसे रद्द कर चुकी है। प्रदेश में 60244 पदों को लेकर 43 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा रद्द करते हुए छह महीने के बाद इसे दोबारा आयोजित कराने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में यात्रा नि:शुल्क रहेगी। परीक्षार्थी अपना एडमिट कार्ड दिखाकर यूपी रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे। अब लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद आचार संहिता हटने के साथ परीक्षा दोबारा आयोजित करने की तैयारी शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) इसके लिए तैयारियों में जुट गया है। 

जनपदों से मांगी गई डिटेल
बीते दिनों कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तारीख को लेकर एक फर्जी नोटिस सोशल मीडिया में वायरल भी हुआ था। इसमें परीक्षा का आयोजन 29 व 30 जून को कराने की बात कही गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इसका खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया। साथ ही युवाओं से अपील की गई कि बोर्ड की वेबसाइट https://uppbpb.gov.in/ पर आधिकारिक जानकारी उचित समय पर दी जाएगी। इसलिए ऐसी फर्जी सूचनाओं से सावधान रहें। वहीं बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने दोबारा परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रदेश के सभी जनपदों से संबंधित पुलिस कमिश्नर और पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी है। इसमें जनपद के कोषागार परिसर में परीक्षा सामग्री रखने के बारे में सुरक्षा संबंधी जानकारी मांगी गई है। डबल लॉक सिस्टम आदि के बारे में भी पूरी डिटेल देने का कहा गया है, जिसके आधार पर उचित निर्णय किया जा सके।

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