UPPCL OTS Scheme : प्रबंध निदेशक जानबूझकर अभियंताओं को बना रहे निशाना! सीएम योगी से उच्च स्तरीय कमेटी से जांच की मांग

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Dec 28, 2024 08:52

संगठन ने सवाल उठाया कि आखिर पावर कारपोरेशन बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की इस कार्य प्रणाली पर मौन क्यों है? वहीं यदि उसके इशारे पर इस प्रकार की औद्योगिक अशांति फैलाई जा रही है, तो निश्चित तौर पर इससे बिजली अभियंताओं का मनोबल टूटेगा।

Lucknow News : प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के पीपीपी मॉडल के​ विरोध में जहां अभियंता और कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। वहीं इससे खफा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) प्रबंधन एकमुश्त समाधान योजना (OTS) की समीक्षा के नाम पर उनको निशाना बना रहा है। अब तक कई अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है। वहीं आगे भी ऐसी कार्रवाई की तैयारी है। अभियंता इसका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि ओटीएस स्कीम शुरू होने के चंद दिनों के भीतर समीक्षा की आड़ में जानबूझकर ऐसी कार्रवाई की जा रही है, जिससे दबाव बनाया जा सके।

बिजली कंपनियों में औद्योगिक अशांति पैदा करने की कोशिश
यूपी पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि एकमुश्त समाधान योजना की समीक्षा के नाम पर प्रदेश की बिजली कंपनियों में अभियंताओं को जिस तरीके से टारगेट किया जा रहा है, उससे ऐसा लग रहा है कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन बिजली कंपनियों में औद्योगिक अशांति पैदा करना चाहता है। बिजली कंपनियों के प्रबंधन के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं, इनमें बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक बहुत ही अशिष्ट होकर अभियंताओं से बात कर रहे हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि अधिकारी की कोई समीक्षा हो रही है। केवल एक ही बात सुनाई दे रही कि इन्हें निलंबित, बर्खास्त करो।



यूपीपीसीएल की चुप्पी पर उठाए सवाल
संगठन ने सवाल उठाया कि आखिर पावर कारपोरेशन बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की इस कार्य प्रणाली पर मौन क्यों है? वहीं यदि उसके इशारे पर इस प्रकार की औद्योगिक अशांति फैलाई जा रही है, तो निश्चित तौर पर इससे बिजली अभियंताओं का मनोबल टूटेगा। एसोसिएशन ने कहा कि वास्तव में प्रदेश की बिजली कंपनियों का मैनेजमेंट बौखला कर काम कर रहा है। पूरे ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति पैदा करने के लिए इस प्रकार की कार्रवाई की जा रही है। संगठन ने इसे लेकर मुख्यमंत्री से एक निष्पक्ष जांच कमेटी भेजने की मांग उठाई, जो स्वत: जांच करके पता कर ले कि बिजली कंपनियों में कार्य का माहौल खत्म किया जा रहा है।

अभियंताओं पर लगातार लिया जा रहा एक्शन
पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, महासचिव अनिल कुमार, सचिव आर पी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, ट्रांसमिशन अध्यक्ष सुशील कुमार वर्मा, प्रभाकर ने कहा कि ताजा मामले में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में तीन अधिशासी अभियंता और एक अधीक्षण अभियंता को निलंबित किया गया है। इसके अलावा मध्यांचल​ विद्युत वितरण निगम में भी 4 अधिशासी अभियंताओं को सस्पेंड किया गया। इससे पहले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में तीन अधिशासी अभियंता को निलंबित किया जा चुका है। आगे और भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। 

योजना शुरू होने के महज 10 दिन में समीक्षा करने पर सवाल
अवधेश वर्मा ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक मुश्त समाधान योजना की 10 दिन के अंदर समीक्षा के आधार पर अभियंताओं को टारगेट किया जा रहा है। इससे साबित होता है कि बिजली कंपनियों का मैनेजमेंट पीपीपी मॉडल को लागू नहीं कर पाने से बौखला गया है।

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