इस बीच यूपीपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि निजीकरण के बावजूद कर्मचारियों के पेंशन और अन्य लाभ सुरक्षित रहेंगे। संविदा कर्मचारियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा। दक्ष मैनपावर की जरूरत बढ़ने के कारण बेहतर सेवा शर्तें सुनिश्चित की जाएंगी। साथ ही निजीकरण के बाद भी चेयरमैन का पद शासन के वरिष्ठ अधिकारी के पास रहेगा।