वर्ष 2000 में जब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद (UPSEB) को विघटित किया गया था तब दावा किया गया कि उपभोक्ता सेवा और ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार होगा, उस समय भी यूपीएसईबी को तोड़ने के लिए प्राइस वाटर हाउस कूपर नामक एक कंसलटेंट लगभग 13.53 करोड़ में रखा गया।