UPPCL : यूपी में 5 लाख से ज्यादा घटिया स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का खुलासा, SAT दूर की बात FIIT में भी खरे नहीं उतरे

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Dec 29, 2024 18:48

उपभोक्ता परिषद ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। अभी तक एसएटी पास की बात तो दूर है, कोई भी मीटर निर्माता कंपनी एफआईआईटी भी क्लियर नहीं कर पाई है। इसमें बड़े पैमाने पर कमियां सामने आ गई हैं। वर्तमान में किसी भी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर अभी तक इन दोनों टेस्ट में पास नहीं हो सके हैं।

Lucknow News : प्रदेश में दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के पीपीपी मॉडल को अमलीजामा पहनाने में जुटे उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को उपभोक्ताओं की सुध नहीं है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगानी वाली निजी कंपनियां नियम कानून को दरकिनार कर आवश्यक टेस्ट पास किए बिना ही अपना काम कर रही हैं और अफसर उन पर मेहरबान बने हुए हैं। ऐसे में उपभोक्ता इसका खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं। 

पांच लाख से ज्यादा प्रीपेड मीटर लगने के बाद नहीं रही सुध
प्रदेश में अब तक लगभग पांच लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाए जा चुके हैं। मॉडल स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट की धारा के तहत कुल मीटर का 5 प्रतिशत या 25000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने पर, जो पहले हो उसके बाद साइट स्वीकृति परीक्षण (SAT) पास करना अनिवार्य होगा। वहीं इस एसएटी टेस्ट के पहले फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (FIIT) पास करना अनिवार्य है। 



निजी घरानों के मीटर किसी भी टेस्ट में मापदंड पर नहीं उतरे खरे
उपभोक्ता परिषद ने इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। अभी तक एसएटी पास की बात तो दूर है, कोई भी मीटर निर्माता कंपनी एफआईआईटी भी क्लियर नहीं कर पाई है। इसमें बड़े पैमाने पर कमियां सामने आ गई हैं। वर्तमान में किसी भी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर अभी तक इन दोनों टेस्ट में पास नहीं हो सके हैं। निजी घरानों के मीटर मापदंड पर खरे नहीं उतरे हैं। ऐसे में तत्काल पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन को रोक लगानी चाहिए। क्योंकि, यह मॉडल बिडिंग डॉक्यूमेंट का पार्ट है और ऐसा नहीं किया जाना उसका उल्लंघन होगा।

यूपीपीसीएल के निदेशक वाणिज्य से मामले की शिकायत
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बिडिंग डॉक्यूमेंट में दिए गए प्रावधान की जानकारी पावर कारपोरेशन के निदेशक वाणिज्य निधि नारंग को दी। उन्होंने तत्काल बिना एसएटी टेस्ट पास किए स्मार्ट प्रीपेड मीटर को उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जाने पर रोक लगाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि निजी घरानों का जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर अभी एसएटी टेस्ट ही नहीं पास कर पाया, अब उसे उपभोक्ताओं के परिसर पर कतई नहीं लगाया जाए। निदेशक, वाणिज्य ने आश्वासन दिया है कि मामले को गंभीरता से दिखाया जा रहा है।

उपभोक्ता के शोषण पर खामोश बने रहे अधिकारी
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि बिना एसएटी पास होने के बाद पावर कारपोरेशन को यह सुनक्षित करना चाहिए कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो उपभोक्ताओं के परिसर पर लग रहा है, वह पूरी तरीके से हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, इक्विपमेंट साइबर सिक्योरिटी, सभी में पास हो चुका हो। कानूनन बिना एसएटी पास किए उपभोक्ताओं के घर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना गलत है। उन्होंने कहा कि 25000 मीटर लगाए जाने की तो कानूनी जरूरत थी, क्योंकि तभी जो टेस्ट होते हैं, उसे चेक किया जा सकता है। क्योंकि उसे गो लाइव करने के लिए टेस्ट करना अनिवार्य होता है। अब जब एसएटी टेस्ट पास नहीं हो जाए इसे लगाया जाना गलत है।

ईईएसएल के 12 लाख मीटर घटिया क्वालिटी के मिलने पर प्रोजेक्ट हो चुका है बंद
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले भी जब 50 लाख स्मार्ट मीटर का टेंडर फाइनल हुआ था और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने 12 लाख मीटर लगाए थे, तब इसके बाद उसमें कमियां सामने आ गईं और पूरा प्रोजेक्ट आज बंद हो गया। इसका खामियाजा आज भी उपभोक्ता भुगत रहे हैं। फिर भी पावर कारपोरेशन को होश नहीं आया और बिना टेस्ट पास किए मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं।
 

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