UP News: यूपी के जिला अस्पतालों में 24 घंटे मिलेगी वेंटिलेटर और आईसीयू की सुविधा, ट्रेनिंग शुरू

UPT | Ventilator

Jun 28, 2024 14:42

कोविड के दौरान इन अस्पतालों में वेंटिलेटर तो आ गए थे, लेकिन इन्हें संचालित करने वाला स्टाफ नहीं था। नतीजतन, कई जगहों पर ये मशीनें इस्तेमाल में नहीं आ पा रही हैं।

Short Highlights
  • पहले चरण में 22 लोगों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग
  • पहली जुलाई से शुरू होगा दूसरे चरण का प्रशिक्षण
Lucknow News:  उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब जिला अस्पतालों में भी वेंटिलेटर की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है, ताकि मरीजों को बेहतर और त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।

वेंटिलेटर संचालन के लिए स्टाफ की कमी 
यूपी के विभिन्न जिला अस्पतालों में गंभीर मरीजों को अक्सर दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती है। हालांकि, इन अस्पतालों में वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। कोविड के दौरान इन अस्पतालों में वेंटिलेटर तो आ गए थे, लेकिन इन्हें संचालित करने वाला स्टाफ नहीं था। नतीजतन, कई जगहों पर ये मशीनें इस्तेमाल में नहीं आ पा रही हैं और धूल खा रही हैं। प्रदेश के जिला अस्पतालों में अब वेंटिलेटर सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों को वेंटिलेटर चलाने और आईसीयू संचालन की ट्रेनिंग दे रहा है। दूसरे चरण की ट्रेनिंग एक जुलाई से शुरू होगी।

अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू संचालन की ट्रेनिंग
गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है, लेकिन अधिकांश जिला अस्पतालों में स्टाफ को इनका संचालन करना नहीं आता। इसी कमी को दूर करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने वेंटिलेटर का उपयोग सुनिश्चित करने की पहल की है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश पर पहले चरण में 22 लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जिसमें लखनऊ के सिविल और लोकबंधु अस्पतालों, और झांसी के जिला अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ नर्स और अन्य स्टाफ ट्रेनिंग में शामिल थे।

इन अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों की ट्रेनिंग होगी  
दूसरे चरण का प्रशिक्षण पहली जुलाई से शुरू होगा। इसमें प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय, बांदा और गोरखपुर के 29 स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया जाएगा। इन कर्मियों को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद वे अपने अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू का संचालन कर सकेंगे और मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध हो पायेगी।

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