UP MLC By Election : भाजपा एमएलसी प्रत्याशी बहोरन लाल मौर्य निर्विरोध निर्वाचित, उच्च सदन में इतने हुए पार्टी के सदस्य

UPT | निर्वाचन अधिकारी ने प्रमाण पत्र जारी किया।

Jul 05, 2024 18:09

विधान परिषद में एक और सीट मिलने से भाजपा की ताकत में इजाफा हुआ है। वहीं सपा को एक सीट का नुकसान हुआ है। विधान सभा की तरह विधान परिषद में भी सपा फिलहाल सदस्यों की संख्या के हिसाब से भाजपा के बाद दूसरे नंबर की पार्टी है।

Lucknow News : विधान परिषद की रिक्त सीट पर भाजपा प्रत्याशी बहोरन लाल मौर्य निर्विरोध निर्वाचित किए गए हैं। निर्वाचन अधिकारी ने शुक्रवार को उन्हें एमएलसी निर्वाचन का प्रमाण पत्र जारी किया। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त इस सीट पर कोई और उम्मीदवार नहीं खड़ा होने के कारण बहोरन लाल मौर्य की निर्विरोध जीत पहले से तय थी। निर्वाचन अधिकारी की ओर से औपचारिकता पूरी करते हुए शुक्रवार को उनकी जीत की घोषणा की गई। भाजपा नेतृत्व की ओर से बहोरन लाल मौर्य को निर्विरोध निर्वाचन पर बधाई दी गई है। 

विधान परिषद में भाजपा की ताकत में इजाफा
भाजपा प्रत्याशी बहोरन लाल मौर्य ने विधान परिषद उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में विगत मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था। नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने परचा दाखिल किया और अब वह एमएलसी चुने गए हैं। विधान परिषद में इस सीट का कार्यकाल जुलाई 2028 तक होगा। निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक 5 जुलाई तक नामांकन वापसी और 12 जुलाई को मतदान की तारीख घोषित की गई थी। लेकिन, किसी और उम्मीदवार के मैदान में नहीं होने से निर्वाचन अधिकारी ने शुक्रवार को बहोरन लाल मौर्य के निर्विरोध चुने जाने की घोषणा करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा। विधान परिषद में भाजपा के सदस्यों की संख्या 78 थी, जो अब एक बढ़कर 79 हो गई है। वहीं सपा की सदस्य संख्या 10 है। राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अपना दल (सोनेलाल) और निर्बल इण्डियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के सदस्यों की संख्या एक-एक है। कांग्रेस और बसपा के सदस्यों की संख्या शून्य है। इसके अलावा शिक्षक दल (गैर राजनीतिक दल) के एक सदस्य, निर्दलीय समूह के दो सदस्य और दो निर्दलीय हैं। 

सपा ने उपचुनाव से किया था किनारा
प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने विधायकों की संख्या को देखते हुए उपचुनाव से दूर रहने का फैसला किया था। अखिलेश यादव नहीं चाहते थे कि उपचुनाव में हार तय होने के बावजूद प्रत्याशी खड़ा किया जाए। इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा। ऐसे में पार्टी ने उपचुनाव से दूर रहने का फैसला किया, जबकि ये सीट उसके नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने से ही रिक्त हुई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव से पहले सपा और विधान परिषद सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद वह राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर कुशीनगर लोकसभा सीट से मैदान में उतरे थे। हालांकि उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और वह चौथे स्थान पर रहे। वहीं अब उनकी रिक्त सीट पर अपने प्रत्याशी की जीत के साथ उच्च सदन में भाजपा की संख्या में इजाफा हुआ है। 

इस वजह से सपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 249 विधायक हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के 103 सदस्य हैं। इसके अलावा एनडीए के सहयोगी अपना दल सोनेलाल के 13, राष्ट्रीय लोक दल के 8, निषाद पार्टी के 5 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 सदस्य हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 5 हैं। ऐसे में सदन में विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा प्रत्याशी की जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी। इसी वजह से सपा ने विधान परिषद उपचुनाव के लिए प्रत्याशी नहीं उतारा।

राज्य मंत्री रह चुके हैं बहोरन लाल मौर्य
बहोरन लाल मौर्य भाजपा के पुराने नेता हैं। वह बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। बहोरन लाल मौर्य पहली बार 1996 में विधायक बने। इसके बाद वह दूसरी बार 2017 में भोजीपुरा से विधायक रहे। ​वह 1997 में राजस्व राज्य मंत्री रहे हैं। वर्ष 2022 में भाजपा ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया। लेकिन, उन्हें सपा के शहजिल इस्लाम से शिकस्त का सामना करना पड़ा। 

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