Akshaya Tritiya 2024 : गजकेसरी योग में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, दान पुण्य का मिलेगा कई गुना फल

UPT | 10 मई को अक्षय तृतीया पर लग रहा गजकेसरी योग।

Apr 30, 2024 09:23

अक्षय तृतीया में की गई आध्यात्मिक पूजा, दान और पुण्य का अक्षय फल प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त में नए सामान की खरीद शुभ मानी जाती है। अक्षय तृतीया को मंगलकारी...

Short Highlights
  • 10 मई को मनाया जाएगा अक्षय तृतीया पर्व
  • उच्च चंद्रमा और गुरु के कारण बन रहा गजकेसरी योग
  • बाजारों और घरों में अक्षय तृतीया पर्व की तैयारी शुरू 
Akshaya Tritiya : इस बार अक्षय तृतीया पर्व 10 मई को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया पर्व हिंदू धर्म में बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोना चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीद काफी शुभ होती है। इसी के साथ इस दिन अबूझ साया भी होता है। इसलिए इस दिन शादी ब्याह भी बिना किसी मुहूर्त के किया जाता है। अक्षय तृतीया पर्व के लिए बाजारों में तैयारी चल रही है। वहीं घरों और मंदिरों के अलावा धार्मिक संगठनों ने भी अक्षय तृतीया को मनाने की योजनाएं बनानी शुरू की हैं। पंडित भारत भूषण के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रहों में उच्च चंद्रमा और गुरु के कारण गजकेसरी योग बन रहा है।

अक्षय तृतीया में की गई आध्यात्मिक पूजा, दान और पुण्य का अक्षय फल प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त में नए सामान की खरीद शुभ मानी जाती है। अक्षय तृतीया को मंगलकारी तिथियों में गिना जाता है। पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार अक्षय तृतीया लौकिक व पारलौकिक दोनों कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाली मानी गई है। इस बार अक्षय तृतीया पर सूर्य, मेष राशि में और चंद्रमा, वृष राशि में होगा। दोनों ही ग्रह अपने उच्च राशि में होने के कारण अक्षय तृतीया का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन उपासना व अच्छे कार्याें का पुण्य क्षय नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया अत्यंत शुभकारी होगी। सूर्य के उच्च राशि में होने से लोगों को सरकारी तंत्र, शासन सत्ता व राजनीति में शुभ फल प्राप्त होगा। काल पुरुष के प्रथम राशि में शुक्र भौतिक सुख संपदा से समृद्ध का योग बनाएंगे। वहीं अक्षय तृतीया पर शनि का कुंभ राशि में होना शुभ माना जा रहा है।

अक्षय तृतीया में भौतिक सुखों की अपेक्षा आध्यात्मिक उन्नति के लिए साधना सर्वोत्तम मानी गई है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा से समृद्धि आती है। धर्म शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया पर पूजा, दान पुण्य करना चाहिए। अक्षय तृतीया इस बाद 10 मई प्रात: 5:32 बजे से लग रही है जो कि दूसरे दिन सुबह 4:37 बजे तक रहेगा। 

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