चार समन और तीन वारंट : बुलंदशहर सदर से भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी को हाईकोर्ट से मिली राहत

UPT | Pradeep Chaudhary

Aug 24, 2024 13:50

कोविड-19 नियमों के उल्लंघन के आरोप में चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह निर्णय विधायक द्वारा दायर की गई एक रिट याचिका के जवाब में आया है...

Short Highlights
  • विधायक प्रदीप चौधरी को हाईकोर्ट से राहत
  • कोविड नियमों की अवहेलना का आरोप
  • अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी
Bulandshahr News : बुलंदशहर के भाजपा विधायक प्रदीप चौधरी को हाल ही में हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। कोविड-19 नियमों के उल्लंघन के आरोप में चल रहे मामले में हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह निर्णय विधायक द्वारा दायर की गई एक रिट याचिका के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट की कार्यवाही को चुनौती दी थी।

इस मामले में हुई कार्रवाई
दरअसल, यह मामला साल 2022 का है, जब प्रदीप चौधरी पर सलेमपुर में कोविड नियमों की अवहेलना करते हुए भीड़ के साथ नारेबाजी करने और सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगा था। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, बाद में पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी थी, जिसे एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया था।



चार समन और तीन गैर जमानती वारंट भेजे गए
इसके बाद, कोर्ट ने विधायक प्रदीप चौधरी के खिलाफ चार समन और तीन गैर-जमानती वारंट जारी किए, लेकिन स्थानीय पुलिस इन्हें तामील करने में विफल रही। इस पर नाराज होकर कोर्ट ने सलेमपुर थाना प्रभारी को तलब किया था। जवाब में, थाना प्रभारी ने पुलिस भर्ती परीक्षा में व्यस्त होने का हवाला देते हुए अनुपस्थिति के लिए लिखित प्रार्थना पत्र भेजा।

अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं
अधिवक्ता मोहित गर्ग के अनुसार, मूल मामला 200-250 लोगों की भीड़ के साथ कोविड-19 महामारी अधिनियम, चुनाव आचार संहिता और उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अध्यादेश 2020 के उल्लंघन से संबंधित है। इस मामले में विधायक चौधरी और उनके सहयोगी सूरज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें कई पुलिस कर्मियों ने न्यायालय के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए थे। अब हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मामले की अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।

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