बुलंदशहर न्यूज : पाइप कंपनी में क्रेन हेल्पर के दोनों पैर कटे, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

UPT | प्रदर्शन करते ग्रामीण

Jun 14, 2024 22:04

सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र की पाइप कंपनी में ड्यूटी के दौरान क्रेन की चेन टूटने से भारी भरकम लोहे की कोयल श्रमिक के ऊपर गिर गई...

Bulandshahr News (Amit Saxena) : सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र की पाइप कंपनी में ड्यूटी के दौरान क्रेन की चेन टूटने से भारी भरकम लोहे की कोयल श्रमिक के ऊपर गिर गई। जिसके कारण उसके नीचे दबने से श्रमिक की दोनों तांगे कट गई। गंभीर हालत में घायल  को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। 

क्रेन की चेन टूटने से गिरी लोहे की कोयल के नीचे दबा श्रमिक 
जानकारी के अनुसार, क्षेत्र के गांव बोढा निवासी धर्मेंद्र यादव पुत्र भीष्म सिंह औद्योगिक क्षेत्र स्थित चार नंबर कट के पास अपोलो मेटलिक्स प्राइवेट लिमिटेड यूनिट-3 में बतौर क्रेन हेल्पर के रूप में कार्य करता है। गुरुवार की शाम करीब साढ़े सात बजे धर्मेंद्र कंपनी में अन्य श्रमिकों के साथ लोहे की भारी भरकम कोयल को क्रेन की सहायता से दूसरे स्थान पर ले जा रहा था। इस दौरान अचानक क्रेन की चेन टूटने से भारी भरकम कोयल धर्मेंद्र के ऊपर आ गिरी। जिसके नीचे दबने से धर्मेंद्र की दोनों टांगें कट गई और गंभीर रूप से घायल हो गया। 

ग्रामीणों और परिजनों ने किया हंगामा
चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर होते देख हायर सेंटर ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जहां उसका उपचार चल रहा है। शुक्रवार की सुबह सूचना मिलते ही पीड़ित स्वजनों के साथ ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली लेकर कंपनी के गेट के बाहर पहुंचे और कंपनी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वहां गेट पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने सांसद प्रतिनिधि सुरेश शर्मा व अन्य लोगों को अंदर जाने से रोका गया। जिस पर ग्रामीणों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। 

20 लाख की आर्थिक सहायता देने का आश्वान
कोतवाली निरीक्षक रवि रतन सिंह पुलिसकर्मियों समेत नायब तहसीलदार नन्हे खां भी मौके पर पहुंचे। हंगामा बढ़ते देख पीड़ित परिजन समेत राजनीतिक दल के लोगों के साथ किसान संगठन के लोगों को कंपनी प्रबंधन द्वारा वार्ता के लिए बुलाया गया। घंटो चली वार्ता के बीच करीब तीन बजे कंपनी प्रबंधन ने पीड़ित परिजनों के लिए 20 लाख की आर्थिक सहायता व घायल का उपचार उठाने का खर्च, एक सप्ताह बाद भुगतान करने का लिखित आश्वासन दिया गया। जिसके बाद कहीं जाकर ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली लेकर गांव के लिए रवाना हो गए।

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