Bulandshahr News : रिटायर्ड फौजी के परिजनों पर हमले के आरोपी बाप -बेटे को सजा, पढ़िए अदालत ने क्या कहा...

UPT | Bulandshahr News

Feb 23, 2024 18:07

बुलंदशहर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां कोर्ट ने एक मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी बाप बेटे को कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह पूरा मामला एक रिटायर्ड फौजी...

Bulandshahr News : बुलंदशहर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां कोर्ट ने एक मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी बाप बेटे को कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह पूरा मामला एक रिटायर्ड फौजी के परिवार पर जानलेवा हमले का है। जिसमें सात साल बाद आरोपियों को सजा मुकर्रर की गई है। इस पूरे मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायधीश हेमंत कुमार की कोर्ट में हुई।

यह है पूरा मामला
अपर सत्र न्यायालय के न्यायधीश हेमंत कुमार ने शुक्रवार को एक रिटायर्ड फौजी के पुत्र को घर में घुसकर पीटने, पुत्रवधु और उसकी मां की हत्या की कोशिश करने के मामले में सुनवाई की। इस मामले में एडीजीसी प्रवेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि सलेमपुर थाना क्षेत्र के मुकीमपुर गांव के रिटायर्ड फौजी ने थाना सलेमपुर पर 14 मई-2017 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि फौजी का पुत्र सुमित तोमर मकान निर्माण के लिए सामान लेकर आ रहा था, तभी गांव के दबंगों ने रास्ता रोक लिया और अभद्रता कर गालियां देने लगे। आरोप लगाया गया था कि योगेंद्र पुत्र पूरन सिंह निवासी मुकीमपुर द्वारा अपने पुत्र हेमेंद्र और गोकुल के साथ हथियारों से लैस होकर उसके घर में घुस गए और उसके पुत्र सुमित तोमर के साथ मारपीट की। साथ ही पुत्रवधु और उसकी मां के साथ भी अभद्रता कर जान से मारने की कोशिश की थी।

सात साल बाद आया निर्णय
इस मामले को लेकर रिटायर्ड फौजी ने योगेंद्र पुत्र पूरन निवासी मुकीमपुर और उसके 2 पुत्रों के खिलाफ सलेमपुर थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। शुक्रवार को अपर सत्र न्यायालय के न्यायधीश हेमंत कुमार ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुनाया। जिसमें आरोपी योगेंद्र पुत्र पूरन सिंह और गोकुल उर्फ छोटू पुत्र योगेंद्र निवासी मुकीमपुर सलेमपुर को दोषी करार देते हुए 3-3 साल की कैद और 5-5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा मुकर्रर की। जबकि हेमेंद्र उर्फ राजा पुत्र योगेंद्र को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।

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