नपा ने लगाया गलत टैक्स : कोर्ट ने निरस्त किया बिल नोटिस, मकान की दिखाई थी दूसरी मंजिल

UPT | नगर पालिका बुलंदशहर

Feb 25, 2024 19:02

जिला उपभोक्ता आयोग न्यायालय ने नगर पालिका द्वारा जारी बिल को खारिज करते हुए पीड़ित व्यक्ति को 10 हजार रुपये...

Short Highlights
  • नगर पालिका को कानूनी नोटिस देने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
  • जिला उपभोक्ता आयोग कोर्ट ने सुनाया फैसला
  • पीड़ित व्यक्ति को 10 हजार रुपये अदा करने के आदेश दिए
Bulandshahr News : नगर पालिका द्वारा भवन की दूसरी मंजिल पर कमरों का निर्माण दिखाकर गलत ढंग से हाउस-टैक्स वॉटर टैक्स लगा दिया। पीड़ित की ओर से कानूनी नोटिस जारी करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। जिला उपभोक्ता आयोग न्यायालय ने नगर पालिका द्वारा जारी बिल को खारिज करते हुए पीड़ित व्यक्ति को 10 हजार रुपये अदा करने के आदेश दिए हैं।

पालिका ने नहीं की सुनवाई
न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग के सहायक जन सूचना अधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि नगर पालिका द्वारा उनके मकान के ऊपर की मंजिल में कमरों का निर्माण दिखाकर जानबूझकर गलत निर्धारण करके उत्पीड़न किया गया, जबकि उनके मकान में ऊपर किसी कमरे का निर्माण नहीं है। मुरारी लाल वर्मा ने पालिका के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई और कानूनी नोटिस भी दिया, लेकिन पालिका ने कोई सुनवाई नहीं की। नगर पालिका द्वारा इसका विरोध किया गया है।

नगर पालिका पक्ष को बताया गलत
न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष चन्द्रपाल सिंह, सामान्य सदस्य मोहित कुमार त्यागी एवं महिला सदस्य नीलम कुमारी ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद नगर पालिका के पक्ष को गलत पाते हुए खारिज किया और मुरारी लाल वर्मा के पक्ष में निर्णय सुनाया। नगर पालिका परिषद द्वारा मुरारी लाल वर्मा एडवोकेट के भवन के गृहकर 1770 रुपये और जलकर 1770  रुपये की बावत भेजा गया बिल-नोटिस दिनांक 14-3-2021 निरस्त कर दिया।

45 दिन के अन्दर होना चाहिए आपत्ति का निस्तारण
साथ ही नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी को आदेश दिया है कि 45 दिन के अन्दर मुरारीलाल वर्मा एडवोकेट की आपत्ति का निस्तारण करके उनके भवन का सर्वे करते हुए स्वत: कर निर्धारण प्रणाली के अन्तर्गत बनाई गई नियमावली के नियमों को संज्ञान में लेकर करना सुनिश्चित करें। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी 45 दिन के अन्दर मुरारीलाल वर्मा को वादव्यय हेतु 10,000 रुपये भी अदा करें। उक्त वादव्यय की धनराशि अंकन 10,000 रुपये को उनके भवन के गृहकर और जलकर के मद में समायोजित करें।

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