एक बेटे-बहू ऐसे भी : मां की कांवड़ यात्रा की इच्छा हुई तो कंधे पर बैठाकर निकल पड़े, इतने दिनों में तय करेंगे 65 किमी की दूरी

UPT | अपनी मां को कंधे पर बिठाकर ले जाते बेटा और बहू।

Jul 23, 2024 00:05

पहासू क्षेत्र निवासी युवक रामकुमार व उनकी पत्नी लक्ष्मी अपनी मां को लेकर अनूपशहर गंगा तट पहुंचे। जहां से जल भरने के बाद रामकुमार और लक्ष्मी वृद्ध मां को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।

Bulandshahar News : सावन के पहले सोमवार पर प्रदेश के सभी मंदिरों पर देर रात से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालु भक्ति-भाव के साथ भगवान शिव पर जल अर्पित करते हुए दिखाई दिए। इसी के साथ शिव भक्ति में लीन कांवड़िए जल भरने के लिए अनूपशहर गंगा तट पर पहुंच रहे हैं। सोमवार सुबह से जल भरने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। देर शाम के बाद कांवरती अपने गंतव्य पर रवाना हो गए। वहीं एक बेटे-बहू ऐसे भी दिखाई दिए जो अपनी मां की इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें कंधे पर लादकर निकल पड़े हैं। 

जानकारी के मुताबिक पहासू क्षेत्र निवासी युवक रामकुमार व उनकी पत्नी लक्ष्मी अपनी मां को लेकर अनूपशहर गंगा तट पहुंचे। जहां से जल भरने के बाद रामकुमार और लक्ष्मी वृद्ध मां को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।

6 दिन में पूरी करेंगे 65 किमी की दूरी
रामकुमार ने बताया कि उनकी 60 वर्षीय मां सरोज देवी की इच्छा कांवड़ यात्रा की हुई। मां ने अपनी इच्छा मुझे बताई। इसके बाद मां की इच्छा पूरी करने के लिए वह एवं उनकी पत्नी लक्ष्मी उन्हें लेकर अनूपशहर गंगा घाट पहुंचे। जहां से जल भरने के बाद मां को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। रामकुमार ने बताया कि वह अनूपशहर गंगा तट से जल भरकर पहासू क्षेत्र स्थित शिवालय में चढ़ाएंगे। शिवालय की दूरी अनूपशहर से करीब 65 किलोमीटर है। वह इस दूरी को छह दिन में पूरी कर सावन के द्वितीय सोमवार यानी 29 जुलाई को गांव स्थित शिवालय में जिलाभिषेक करेंगे। इस दौरान वह प्रतिदिन 10 किलोमीटर चलेंगे। अपनी मां को कांवड़ पर बैठाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने निकले रामकुमार की हर कोई तारीफ कर रहा है।

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