चैत्र नवरात्र सप्तमी तिथि : श​नि और केतु ग्रह के कुप्रभावों को दूर करने के लिए आज करें कालरात्रि देवी की ऐसे पूजा

UPT | चैत्र नवरात्र सप्तमी तिथि

Apr 15, 2024 12:32

कालरात्रि देवी का स्वरूप गधे की सवारी, अंधकार की तरह काला रंग, बडे काले बिखरे बाल तथा दो गोल चमकती हुई आंखें में बिजली कौंध, भयानक अट्टाहस अंतरिक्ष में गुंजता दुष्टों को भयभीत करने...

Short Highlights
  • आज सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा का विधान
  • सरसों के तेल का दीपक और कााले तिल, शहद से करें विशेष पूजा
  • मन व भावों पर नियंत्रण करने में सफलता के लिए माँ से ले आर्शिवाद
Meerut News : आज चैत्र नवरात्र सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि (रक्तदंतिका) देवी की पूजा करने का विधान है। कालरात्रि भयंकरी व शुभकंरी दोनों ही कही जाती है क्योंकि उनका रूप अत्यन्त ही भयंकर है। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार कालरात्रि देवी का स्वरूप गधे की सवारी, अंधकार की तरह काला रंग, बडे काले बिखरे बाल तथा दो गोल चमकती हुई आंखें में बिजली कौंध, भयानक अट्टाहस अंतरिक्ष में गुंजता दुष्टों को भयभीत करने वाला होता है तथा भक्तों को राहत देने वाला है। देवी का ये रूप दुष्टों के लिए भयंकरी व भक्तों के लिए शुभंकरी होता है। उनका मंत्र 'ऊँ कालरात्र्यै नमः' का जाप तथा गुड़ का भोग लगाने से शनि व केतु ग्रह के समस्त प्रकार के कुप्रभावों को भी दूर करने में सामर्थता मिलती है। कालरात्रि की विशेष भोग व उपासना का समय रात्रि 9 से 12 बजे तक है। 

नींबू व जामुन का सिरका से इनकी पूजा विशेष 
इनके लिए सप्तमी तिथि को सरसौं के तेल का दीपक अवश्य जलायें तथा काले तिल, शहद, नींबू व जामुन का सिरका से इनकी पूजा विशेष तौर पर ”अर्गलास्त्रोत“ पाठ के किये जाने से असाध्य रोगों व गुप्त विरोधियों को निष्क्र्रिय करने तथा न्यायालयों से न्याय पाने में मदद मिलती है।   
विशेष: सोमवारीय, सप्तमी के नवरात्र को आप चंद्रघंटा देवी की आराधना के साथ चन्द्र ग्रह और कर्क राशि से सम्बंधित व्यक्ति महाविद्या भुवनेश्वरी देवी की आराधना भी अवश्य करें.  

इन विशेष मंत्रों का करें जाप  
ॐ भुवनेश्वरी देव्यै नम:  
चन्द्र मन्त्र - ॐ सोम सोमाय नम: 
इस दिन श्वेत अथवा लाल, नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर चन्द्र ग्रह और महाविद्या भुवनेश्वरी का मन्त्र जपें, जिससे आप अपने मन व भावों पर नियंत्रण करने में सफलता के लिए आशीर्वाद माँ से प्राप्त कर सकें। कर्क राशि के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों को चन्द्र ग्रह सम्बन्धी पीड़ा दूर करने, मन को स्थिर व मजबूत करने के लिए महाविद्या भुवनेश्वरी देवी की आराधना और चन्द्र ग्रह के उपाय तथा चन्द्र सबंधी अपने निर्धारित कर्म भी अवश्य करने चाहिये।
 

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