अच्छी खबर : मेरठ मेट्रो का फर्स्ट लुक जारी, एक ही ट्रैक पर फर्राटा भरेंगी दो परियोजनाएं

UPT | मेरठ मेट्रो के पहले ट्रेनसेट की पहली झलक

Feb 16, 2024 18:42

आज गुजरात के सावली स्थित मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट में मेरठ मेट्रो के पहले ट्रेनसेट की पहली झलक का अनावरण किया गया। प्रथम मेरठ मेट्रो की ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपा गया।

Short Highlights
  • गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को सौंपा गया पहला मेरठ मेट्रो का ट्रेनसेट
  • एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक और यूपी के अतिरिक्त प्रमुख सचिव को मिली चाभी
  • ट्रेन सौपने के साथ ही मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेट डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू 
     
Meerut Metro train : आज गुजरात के सावली स्थित मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट में मेरठ मेट्रो के पहले ट्रेनसेट की पहली झलक का अनावरण किया गया। प्रथम मेरठ मेट्रो की ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपा गया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश श्री नितिन रमेश गोकर्ण, परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंगारिया,  निदेशक इलेक्ट्रिकल एवं रोलिंग स्टॉक महेंद्र कुमार, निदेशक सिस्टम एवं ऑपरेशंस नवनीत कौशिक, निदेशक वित्त, श्रीमती नमिता मेहरोत्रा, एल्सटॉम के एमडी श्री ओलिवियर लोइसन व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में एक बटन दबाकर मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट का अनावरण किया। उसके बाद एल्सटॉम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ने एनसीआरटीसी के एमडी को औपचारिक रूप से मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की चाबियां सौंपी। इस ट्रेनसेट अनावरण और ट्रेन सौपने के साथ ही मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेट डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहला ट्रेनसेट जल्द ही एनसीआरटीसी के दुहाई डिपो में पहुंचेगा। 

भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने की ओर बढ़ा
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से इस अवसर के लिए अपनी शुभकामनाएं और बधाईयां साझा कीं। पुरी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 से शहरी निवासियों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया है। महानगरीय शहरों में एक मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली स्थापित करना भारत के शहरी कायाकल्प के हमारे दृष्टिकोण का एक बुनियादी पहलू है। 2014 में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार महज 248 किमी तक था, जिसे हमने आज 905 किमी तक बढ़ा दिया है। आरआरटीएस और एमआरटीएस इस परिवर्तन के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। इस ओर अब तक हुई अभूतपूर्व प्रगति ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने की ओर बढ़ा दिया है। आज, जब हम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के मेरठ सेक्शन के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एमआरटीएस ट्रेनसेट (मेरठ मेट्रो) लॉन्च कर रहे हैं, तो हम एक बार फिर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह बहुत गर्व की बात है और नए युग के नवाचार का प्रतीक है, जिसे भारत शुरू कर रहा है। मैं इस अद्भुत उपलब्धि पर एनसीआरटीसी और एल्सटॉम की टीम को बधाई देता हूं।''

पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास में जबरदस्त वृद्धि
इस अवसर पर एनसीआरटीसी एमडी, विनय कुमार सिंह ने कहा कि “प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास में जबरदस्त वृद्धि देखी है। इस वातावरण ने देश की पहली आरआरटीएस परियोजना सहित कई परिवर्तनकारी परियोजनाओं के कार्यान्वयन को संभव बनाया है। नमो भारत ट्रेनें और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होंगी। आरआरटीएस और एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांसिट सिस्टम यानी मेरठ मेट्रो) दो अलग-अलग प्रणालियों की ट्रेनों के एक ही बुनियादी ढांचे पर एक साथ संचालन की संभावना अब साकार हो रही है। एनसीआरटीसी ने वैश्विक रेल परिवहन की दुनिया में एक अग्रणीय प्रयास को चिह्नित करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल 3 के साथ यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) लेवल-2 सिग्नलिंग लागू की है। यह मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो, दोनों सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा, जिससे भावी प्रगति और ट्रेन सेवा फ्रिक्वेन्सी में वृद्धि होगी। 

मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाले ट्रेनसेट की डिलिवरी करेंगे 
ट्रेनसेट निर्माण के लिए M/s एल्सटॉम,  (तत्कालीन M/s बॉम्बार्डियर) को अनुबंध दिया गया था, जिसके तहत वे मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाले ट्रेनसेट की डिलिवरी करेंगे और 15 साल की अवधि के लिए इन  रोलिंग स्टॉक का रख रखाव भी एल्सटॉम करेगी। ये ट्रेनसेट अपने आकर्षक और आधुनिक डिज़ाइन के साथ ही ऊर्जा की बचत करने में सक्षम होंगे और पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम से लेस होंगे, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ संगत होंगे। इन मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा है। मेरठ मेट्रो परियोजना का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तेज़ और आधुनिक परिवहन समाधान प्रदान करना है। मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की डिलीवरी शुरू होने के साथ ही ट्रायल रन भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
 

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