Noida News : 14 परियोजना के बिल्डर ने जमा कराई राशि, जानिए बैठक में और क्या हुए निर्णय

UPT | गौतमबुद्ध नगर।

Jul 14, 2024 02:19

शासनादेश लागू होने के बाद नए सिरे से गणना होने पर 5 परियोजना का बकाया शून्य हो गया था। ऐसे में अभी तक 16 परियोजना के बिल्डर बकाया जमा करने के लिए आगे नहीं आए हैं।

Noida News : अमिताभकांत समिति के अंतर्गत बिल्डर-खरीदार मामले की स्टेटस रिपोर्ट बैठक में रखी गई। बैठक में बताया गया कि 57 में से 22 परियोजना के बिल्डर ने कुल बकाए में से 25 प्रतिशत और 14 परियोजना के बिल्डर ने कुछ राशि जमा कराई है। 

शासनादेश लागू होने के बाद नए सिरे से गणना होने पर 5 परियोजना का बकाया शून्य हो गया था। ऐसे में अभी तक 16 परियोजना के बिल्डर बकाया जमा करने के लिए आगे नहीं आए हैं। अभी तक जिन बिल्डरों ने पैसा जमा किया है उनकी सोसाइटी में 3 हजार फ्लैट की रजिस्ट्री होनी प्रस्तावित है जबकि अभी तक 1075 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है। बोर्ड ने आदेश दिया कि पैसा जमा नहीं करने वाले बिल्डरों पर आवंटन रद्द करने समेत अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाए। बिल्डर के माध्यम से रजिस्ट्री की प्रक्रिया में भी तेजी लाएं। 

गठित की गई समिति
नोएडा समेत जिले के तीनों प्राधिकरण एरिया में भारतीय मानक ब्यूरो, भारत सरकार द्वारा तैयार मानकीकृत विकास एवं भवन निर्माण विनियम 2023 तैयार किए जाने हैं। इसके लिए बोर्ड बैठक में तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों की एक समिति गठित की गई जो नए बॉयलाज का अध्ययन करने के साथ-साथ इनवेस्ट यूपी की ओर से जारी बिंदुओं पर भी विचार कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। यह विस्तृत रिपोर्ट अगली बोर्ड बैठक में समिति को प्रस्तुत करनी होगी। अभी तीनों प्राधिकरण एरिया में स्वीकृत और पर्चेबल एफएआर की सीमा अलग-अलग है। इसके अलावा अन्य मामलों में भी नियम अलग हैं। उनको एक करना होगा। अगर नया बॉयलाज लागू होता है तो यहां आने वाले समय में बिल्डर परियोजनाओं में इमारतों की ऊंचाई कम होने समेत अन्य नियम लागू हो जाएंगे।

गोल्फ कोर्स की लागत में 11 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी
सेक्टर-151ए में बन रहे नोएडा इंटनेशनल गोल्फ कोर्स की लागत में 11 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा 26 करोड़ 50 लाख रुपये और फर्नीचर, डिजाइन व बाहरी लुक पर प्राधिकरण खर्च करेगा। ऐसे में अब गोल्फ कोर्स की लागत 70 से बढ़कर करीब 108 करोड़ हो गई है। इसके अलावा निर्णय लिया गया है कि अब बचा काम प्राधिकरण अपने बजट से करा सकेगा। अभी तक नियम था कि सदस्यता शुल्क से जो पैसा आएगा उसी से निर्माण होगा। प्राधिकरण यहां पर करीब 52 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है जबकि सदस्यता शुल्क करीब 48 करोड़ आया है। बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि दूसरे चरण के तहत सदस्यता अभियान शुरू किया जाए। इस चरण में भी पहले की तरह 1 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा जाएगा। 

वन्य जीव एवं हिरण पार्क बनाने की मिली मंजूरी
सेक्टर-91 स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क के कुछ हिस्से में वन्य जीव एवं हिरण पार्क बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। बैठक में निर्देश दिए गए कि इसके निर्माण में भारत सरकार के सभी मानकों एवं नीति-निर्देशों के तहत काम किया जाए। इसके अलावा इस पार्क के बचे हिस्से सेक्टर-92 में जैव विविधता पार्क को बड़े विस्तार से बनाने को लेकर भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी। 

सेक्टर-123 में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की मांग किसान लंबे समय से करते आ रहे थे। ऐसे में इस कॉम्प्लेक्स को बनाने की मंजूरी भी बोर्ड ने दी दी। यहां 70 करोड़ की लागत से खेल सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

दो साल का मिलता है मौका
नोएडा प्राधिकरण आवासीय भूखंड आवंटित करने के बाद सबलीज होने की तारीख से उस पर निर्माण के लिए निशुल्क दो साल तक का मौका देता है। इसक बाद तीसरे साल से लेकर 12 साल तक शुल्क जमा करने के बाद मौका दिया जाता है। तीसरे साल में 1, चौथे में 2, पांचवे में तीन प्रतिशत सहित इस तरह बढ़ता चला जाता है। 12 साल तक मौका दिए जाने पर आवंटन दर का 10 प्रतिशत शुल्क देना होता है। लेकिन अभी करीब 25 आवंटी ऐसे बचे हुए हैं जिन्होंने इस समय-सीमा में भी निर्माण पूरा नहीं किया है। बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे आवंटी जिन्होंने 12 सााल बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण पूरा कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राधिकरण से प्राप्त नहीं किया है, ऐसे आवंटियों को सशुल्क समयविस्तार के लिए तीन महीने तक आवेदन करने का अंतिम अवसर दिया जाएगा। यह समय-सीमा बोर्ड बैठक के मिनट्स से संबंधित कार्यालय आदेश जारी करने से लागू होगी। ऐसे आवंटियों को समय देने के लिए आवंटन दर का 10 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। 

किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले पांच प्रतिशत का भूखंड दिया जाता है। इस भूखंड पर भी 2 साल तक मुफ्त में निर्माण करने का मौका रहता है। अब इसको बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है। जिन किसानों ने पूर्व में 2 साल के बाद अतिरिक्त समय लेने के लिए शुल्क जमा कर दिया गया है, उनको इसका फायदा नहीं मिलेगा। 

डीएससी रोड पर बन रहे भंगेल एलिवेटेड रोड की चौड़ाई 90 मीटर हिस्से में कम होगी। पिलर नंबर 121 से लेकर 124 तक एलिवेटेड रोड के कैरिज की चौड़ाई 11 प्वाइंट 5 की बजाए 10 प्वाइंट 5 रहेगी। इसकी वजह यह है कि इस दायरे में भंगेल में कुछ इमारत आ रही थीं। अब इन इमारत के सिर्फ छज्जे तोड़े जाएंगे। पूरी इमारत तोड़ने की जरूरत नहीं होगी। 

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