दिल्ली में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा : हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़ा जाएगा पानी, नोएडा पर भी होगा असर

UPT | दिल्ली में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा

Aug 02, 2024 17:22

देश की राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। एक तरफ पहाड़ों पर हो रही बारिश से मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं, तो वहीं दूसरी ओर हथिनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।

Short Highlights
  • दिल्ली में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा
  • हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़ा जाएगा पानी
  • नोएडा के लोगों पर भी होगा असर
Noida News : देश की राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। एक तरफ पहाड़ों पर हो रही बारिश से मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं, तो वहीं दूसरी ओर हथिनीकुंड बैराज पर पानी का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। निर्धारित लेवल के पार जाने पर बैराज के गेट खोल दिए जाएंगे। कहा जा रहा है कि रविवार तक बैराज के गेट खोले जाने की संभावना है, जिससे यमुना किनारे रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं, ताकि पिछले साल जैसी स्थिति दोबारा न हो।

अधिकारियों ने की विशेष तैयारी
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए विशेष तैयारियां की हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस साल यमुना का पानी रिंग रोड तक नहीं पहुंचेगा। अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में उन बिंदुओं की पहचान की है, जहां पानी का प्रवाह रोकने के उपाय किए गए हैं। 1978 के बाद सबसे अधिक जलस्तर 208.66 मीटर का रहा था, और इस साल भी अगर यमुना का स्तर 209 मीटर तक पहुंचता है, तो भी स्थिति नियंत्रण में रखने की योजना है। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के किनारे कई स्थानों पर जल-रोधी दीवारों और रैम्प का निर्माण किया है। मजनू का टीला, आईएसबीटी मॉनिट्री और फ्लाईओवर के पास जल अवरोधक उपाय किए गए हैं। इन उपायों से यमुना के पानी को रिंग रोड पर आने से रोका जा सकेगा। इसके साथ ही, पुरानी लोहे के पुल के पास गाद को हटाकर नदी की अविरलता बनाए रखने का प्रयास किया गया है, ताकि पानी आसपास के इलाकों में फैलने से रोका जा सके।

जाम हो गए थे आईटीओ ब्रिज के गेट
दिल्ली के आईटीओ ब्रिज पर पिछले साल 8 गेट जाम हो गए थे, जिससे पानी की निकासी में समस्या आई थी। इस बार, इन जंग लगे गेटों को सफलतापूर्वक खोलने में कामयाबी मिली है। आईटीओ ब्रिज के 32 गेटों में से आठ गेटों को साफ करके पानी की तेज निकासी की योजना बनाई गई है। यह प्रयास बाढ़ की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों ने सूचित किया है कि हथिनीकुंड बैराज में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी जमा होने के बाद 53,000 क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर छोड़ा जाएगा। यह पानी रविवार तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इस अतिरिक्त पानी के नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं, ताकि बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सके।

पिछले साल की स्थिति रोकने की कोशिश
पिछले साल यमुना की धारा आईटीओ के पास बदल गई थी, जिससे पानी का बहाव तेजी से बढ़ गया और गेट टूट गए थे। इस साल, यमुना की धारा को फिर से बदलते हुए देखा गया है, और 12 नंबर गेट को अधिक मजबूती से बनाया गया है। इससे गेट पानी के बड़े बहाव को झेलने में सक्षम होंगे और बाढ़ की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए व्यापक निगरानी और उपाय किए हैं। अधिकारियों का दावा है कि कई जगहों पर पानी रोकने के उपाय किए गए हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति को कम किया जा सके। उम्मीद की जा रही है कि इन तैयारियों से दिल्ली में पिछले साल जैसी स्थिति नहीं आएगी और बाढ़ का प्रभाव कम होगा।

नोएडा पर भी होगा बाढ़ का असर
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने पर अगर यमुना में बाढ़ आती है, तो इससे न सिर्फ यमुना के पास बसे गांव जलमग्न होंगे, बल्कि बाढ़ का असर नोएडा में भी देखने को मिलेगा। नोएडा के कई गांव वाजिदपुर, मंगरौली, नंगला नंगली और साकीपुर यमुना के किनारे बसे हुए हैं। पिछले साल आई बाढ़ से नोएडा के सेक्टर-142, 150, 167, 168, 151, 124, 125, 135 और 137 में घरों में पानी घुस गया था। अगर यमुना का जलस्तर बढ़ता है, तो सेक्टर-14, 15, 15ए, 16, 16ए, 17, 18, 93, 126, 127 और 128 में बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा। इससे लाखों लोग प्रभावित होंगे। नोएडा के कई फॉर्महाउस भी यमुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बने हुए हैं।

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