Noida Airport Update : विमानों की लैंडिंग का रास्ता साफ, 30 नवंबर को यात्रियों को लेकर उड़ेंगे हवाई जहाज

UPT | हवाई जहाज

Oct 18, 2024 13:27

नोएडा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित किए जा चुके हैं। जिनसे कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं।

Greater Noida News : नोएडा एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग का रास्ता साफ हो गया है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने चार दिनों तक चली इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) जांच के सफल होने के बाद रनवे के उपयोग की स्वीकृति दे दी है। अब 15 नवंबर से एक महीने तक एयरपोर्ट के रनवे पर व्यावसायिक विमानों के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसमें एयरक्राफ्ट को उतारा जाएगा।



बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिए हुई जांच
नोएडा एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित किए जा चुके हैं। जिनसे कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। इन उपकरणों का डीजीसीए द्वारा निरीक्षण भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। बीते 10 से 14 अक्टूबर तक भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने एयरक्राफ्ट (बीच किंग एयर 360 ईआर) के जरिए आईएलएस और प्रिसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर (पीएपीआई) की कई उड़ानों के दौरान जांच की। सभी नेविगेशन और रडार उपकरणों को पूरी तरह से सही पाया गया। 

आईएलएस प्रणाली की भूमिका
आईएलएस एक रेडियो नेविगेशन सिस्टम है। जो विशेष रूप से कम दृश्यता की स्थिति में विमान को सुरक्षित लैंडिंग में सहायता करता है। इसमें दो मुख्य घटक होते हैं। जो लोकलाइजर और ग्लाइड पाथ एंटीना है। यह पायलट को सटीक दिशा और ऊंचाई की जानकारी प्रदान करते हैं। यह प्रणाली पायलटों को खराब मौसम और कम दृश्यता की स्थिति में भी सुरक्षित उतरने में सक्षम बनाती है।

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कॉमर्शियल उड़ानें शुरू करने की तैयारी
एयरपोर्ट के अधिकारियों ने जानकारी दी कि 17 अप्रैल से कॉमर्शियल उड़ानें शुरू करने के लिए 90 दिन पहले सभी आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने होंगे। इस प्रक्रिया में देरी से उड़ानों की शुरुआत छह महीने तक टल सकती है। डीजीसीए को भेजी गई आईएलएस जांच की रिपोर्ट में कोई भी खामी या आपत्ति न होने के कारण प्रमाणपत्र जारी किया गया है, जिससे अब रनवे पर विमानों की लैंडिंग के परीक्षण की राह खुल गई है। 

30 नवंबर को यात्रियों के साथ ट्रायल
15 नवंबर से 15 दिसंबर तक विभिन्न एयरलाइंस के खाली विमानों को रनवे पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस दौरान 30 नवंबर को तीन प्रकार के एयरक्राफ्ट के साथ यात्रियों को भी शामिल किया जाएगा। 25 नवंबर तक डीजीसीए से कॉमर्शियल फ्लाइट ट्रायल के लिए अंतिम स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता होगी, जिसके बाद 30 नवंबर को यात्रियों और क्रू मेंबर के साथ ट्रायल फ्लाइट को अंजाम दिया जाएगा।

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सीईओ का बयान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास कार्यों की निगरानी कर रहे यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि आईएलएस सिस्टम की सफल जांच के बाद डीजीसीए से प्रमाणपत्र जारी किया गया है। जिससे 15 नवंबर से एक महीने तक रनवे पर ट्रायल शुरू हो सकेगा। हम 25 नवंबर तक कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। 30 नवंबर को क्रू मेंबर और यात्रियों के साथ ट्रायल किया जाएगा।

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