नोएडा में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश : लग्जरी कार खरीदकर सस्ते दामों में बेचता था दंपति, पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे

UPT | नोएडा में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

Nov 17, 2024 22:57

उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पति-पत्नी की जोड़ी फर्जीवाड़े के जरिए महंगी लग्जरी कारें खरीदकर उन्हें सस्ते दामों में बेच देती थी।

Noida News : उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पति-पत्नी की जोड़ी फर्जीवाड़े के जरिए महंगी लग्जरी कारें खरीदकर उन्हें सस्ते दामों में बेच देती थी। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक कार शोरूम की शिकायत पर पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसकी पत्नी अभी भी फरार है। पुलिस का कहना है कि दोनों की ठगी का तरीका बेहद शातिराना है, जिसने पुलिस अधिकारियों को भी हैरान कर दिया है।

चेक क्लियरेंस का फर्जी मैसेज बनाकर की ठगी
फेज वन थाने की पुलिस ने शुक्रवार को सॉफ्टवेयर कंपनी के निदेशक राजदेव को गिरफ्तार किया, जिसने अपनी पत्नी कोयल देव के साथ मिलकर टाटा सफारी की धोखाधड़ी की थी। दंपति ने एक निजी बैंक के चेक का इस्तेमाल कर 26 लाख रुपये की टाटा सफारी कार की डिलीवरी ली थी। जांच में सामने आया कि जिस दिन दंपति ने चेक जारी किया, उस दिन उनके बैंक खाते में सिर्फ 995 रुपये थे। इसके बावजूद, उन्होंने सागर मोटर्स शोरूम को फर्जी बैंक मैसेज दिखाकर भुगतान पूरा होने का दावा किया और कार की डिलीवरी ले ली।

फर्जी मैसेज के जरिए की कार की डिलीवरी
दंपति ने 10 अगस्त को सागर मोटर्स से टाटा सफारी ऑनलाइन बुक कराई थी। इसके लिए उन्होंने 11 हजार रुपये की अग्रिम राशि जमा कराई और बाकी भुगतान के लिए एक चेक प्रस्तुत किया। शातिराना तरीके से, दंपति ने भुगतान के लिए फर्जी मैसेज का उपयोग किया, जिससे शोरूम को लगा कि 26 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। हालांकि, बाद में जांच में पता चला कि यह मैसेज नकली था और चेक भी बाउंस हो चुका था।

कई कारों में कर चुके हैं धोखाधड़ी
पुलिस पूछताछ में राजदेव ने बताया कि वह और उसकी पत्नी पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी कर चुके हैं। दंपति ने इससे पहले राणा मोटर्स, नोएडा से ग्रैंड विटारा और दिल्ली के गैलेक्सी टोयोटा शोरूम से टोयोटा हाइलक्स की डिलीवरी ली थी। 22 लाख रुपये की ग्रैंड विटारा और 30 लाख रुपये की टोयोटा हाइलक्स के लिए भी उन्होंने इसी तरह की फर्जी ट्रिक्स का इस्तेमाल किया था। हाल ही में खरीदी गई 26 लाख की टाटा सफारी को उन्होंने महज 12 लाख रुपये में दिल्ली के एक डीलर के माध्यम से ललित कुमार दीक्षित नाम के व्यक्ति को बेच दिया।

किराये के फ्लैट में चलाते थे सॉफ्टवेयर कंपनी
दंपति सेक्टर-63 में डेवेक्स नामक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाते थे और फेज तीन थाना क्षेत्र के क्लियो काउंटी सोसाइटी में किराये के फ्लैट में रहते थे। उनका फ्लैट का किराया 55 हजार रुपये प्रति माह था। दोनों ने इस फ्लैट में रहते हुए अपनी ठगी की योजना बनाई और महंगी कारें खरीदने का सिलसिला शुरू किया। पुलिस का मानना है कि उन्होंने इसी तरह से कई अन्य शहरों में भी धोखाधड़ी कर कारें खरीदी होंगी।



पुलिस कर रही है गहराई से जांच
धोखाधड़ी का खुलासा होते ही फेज वन थाने में दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस की दो टीमें आरोपी महिला की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। पुलिस अब दंपति की कंपनी के बारे में भी जांच कर रही है कि इसमें कितने लोग काम करते हैं और क्या अन्य लोग भी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं। इसके साथ ही, सहायक संभागीय विभाग से उन सभी कारों की जांच की जा रही है, जिन्हें दंपति ने फर्जीवाड़े के जरिए खरीदा है।

कार एजेंसी को आरसी मिलने का बहाना बनाते थे
धोखाधड़ी के बाद जब कार शोरूम वाले आरोपी से भुगतान की मांग करते थे, तो वह आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) मिलने तक भुगतान करने का बहाना बनाते थे। शोरूम वाले भी आरसी के लिए आरटीओ से शिकायत करने से बचते थे। इस बीच, आरोपी कार की बिक्री करके फरार हो जाते थे। पुलिस की टीम अब हिमाचल प्रदेश में भी दर्ज एक अन्य मामले की जांच कर रही है, जिसमें इस दंपति पर इसी तरह की धोखाधड़ी का आरोप है।

अपराधी इतिहास खंगाल रही है पुलिस
पुलिस का कहना है कि यह दंपति संगठित तरीके से धोखाधड़ी करता है। अब पुलिस उनके पूरे आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है और उनके अन्य सहयोगियों की भी जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि इस सुनियोजित धोखाधड़ी में अन्य आरोपी भी शामिल हो सकते हैं।

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