नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : जमीन का बढ़ाया गया क्षेत्रफल, सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक में दी मंजूरी, अब इतने हेक्टेयर जमीन पर बनेगा एशिया का सबसे बड़ा हवाईअड्डा

UPT | नोएडा एयरपोर्ट की साइट पर योगी आदित्यनाथ

Oct 18, 2024 17:46

उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन के क्षेत्रफल में बड़ा बदलाव किया है। पहले एयरपोर्ट 5000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होना था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6286.73 हेक्टेयर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई।

Short Highlights
  • 5000 से बढ़ाकर 6286.73 हेक्टेयर किया गया जमीन का क्षेत्रफल
  • कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी
  • एयरपोर्ट के आसपास इंडस्ट्री का होगा निर्माण
Greater Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन के क्षेत्रफल में बड़ा बदलाव किया है। पहले एयरपोर्ट 5000 हेक्टेयर भूमि पर विकसित होना था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6286.73 हेक्टेयर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। लखनऊ में आयोजित एक हाईलेवल बैठक में यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में कई प्रस्तावों को हरी झंडी मिली, जिनमें जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के भूमि क्षेत्रफल में वृद्धि का निर्णय भी शामिल है।

एयरपोर्ट के आसपास इंडस्ट्री का निर्माण
इसी के साथ फैसला लिया गया है कि अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास कृषि जमीन नहीं होगी। अब एयरपोर्ट के आसपास इंडस्ट्री विकसित की जाएगी। इसकी मंजूरी भी योगी सरकार ने दे दी है। यमुना सिटी के सेक्टर-8A, सेक्टर-8B, सेक्टर-8C, सेक्टर-8D और सेक्टर-8E में इंडस्ट्री लगाई जाएगी। इसके अलावा सेक्टर-7, सेक्टर8, सेक्टर-31डी, सेक्टर-23G, सेक्टर-23I और 23E में हर प्रकार की व्यावसायिक सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।


सुपरफास्ट कनेक्टिविटी का नया केंद्र
जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी के मामले में सभी को मात देने वाला है। इस एयरपोर्ट के लिए मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी विकसित की जा रही है, जो देश-विदेश के अन्य एयरपोर्ट्स से बेहतर होगी। यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में किसी प्रकार की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। जेवर एयरपोर्ट को मेट्रो, एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे और बुलेट ट्रेन जैसे आधुनिक परिवहन विकल्पों से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे मेट्रो के माध्यम से जेवर एयरपोर्ट पहुंचना संभव होगा।

बुलेट ट्रेन से यात्रियों को और राहत
इसके अलावा, बुलेट ट्रेन भी इस एयरपोर्ट तक आवागमन को आसान बनाएगी, खासकर दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर जो एयरपोर्ट के पास से गुजरेगा। बुलेट ट्रेन का स्टेशन टर्मिनल बिल्डिंग में बनाया जाएगा। यह एयरपोर्ट चार प्रमुख हाईवे—यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, और एनएच-91 से जुड़ा होगा। सड़क मार्ग, मेट्रो, और बुलेट ट्रेन के विकल्प यात्रियों को एक सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करेंगे। इन सभी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, जिससे जेवर एयरपोर्ट आने वाले समय में एक प्रमुख परिवहन केंद्र बन जाएगा।

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