नोएडा जेपी अमन सोसायटी में चलेगा बुलडोजर : अवैध निर्माण पर प्राधिकरण सख्त, बिल्डर को अंतिम नोटिस

UPT | जेपी अमन सोसायटी

Jul 20, 2024 17:39

नोएडा एक्सप्रेसवे के निकट सेक्टर-151 स्थित जेपी अमन सोसायटी में एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) और बिल्डर के बीच अस्थायी कार्यालय को लेकर चल रहे विवाद के बीच, नोएडा प्राधिकरण ने मामले में हस्तक्षेप किया है।

Short Highlights
  • नोएडा प्राधिकरण की जांच में यह निर्माण अवैध पाया गया
  • इससे पहले भी जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को तीन नोटिस जारी किए जा चुके
Noida News : नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-151 की जेपी अमन सोसायटी में अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन (एओए) और बिल्डर के बीच अस्थायी ऑफिस को लेकर विवाद हो रखा है। इसी क्रम में नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-151 स्थित जेपी अमन सोसायटी में हरित क्षेत्र पर किए गए अनधिकृत निर्माण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। प्राधिकरण के भवन प्रकोष्ठ ने बिल्डर को चौथा नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि समय सीमा के बाद प्राधिकरण स्वयं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।

दिसंबर 2023 में एओए का गठन
यह विवाद दिसंबर 2023 में एओए के गठन के साथ शुरू हुआ, जब बिल्डर ने एओए को कार्यालय देने से इनकार कर दिया। इसके विरोध में एओए पदाधिकारियों ने ठंड के मौसम में खुले में बैठकर सांकेतिक कार्यालय चलाया था। इस मामले को जनवरी 2024 में तत्कालीन एओए अध्यक्ष योगेश सिंह द्वारा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 69 एकड़ के प्रोजेक्ट में साढ़े तीन एकड़ हरित क्षेत्र पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, बिल्डर का कहना है कि यह निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के लिए अस्थायी साइट कार्यालय और कैंटीन है।

प्राधिकरण ने की जांच 
नोएडा प्राधिकरण की जांच में यह निर्माण अवैध पाया गया। इससे पहले भी जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को तीन नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नवीनतम नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि नोएडा भवन विनियमावली के अनुसार हरित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण अनुमत नहीं है। प्राधिकरण ने सुझाव दिया है कि टाउनशिप के विकास के लिए अस्थायी कार्यालय और कैंटीन का निर्माण किसी खाली भूखंड पर किया जाए। प्राधिकरण ने बिल्डर को यह भी चेताया है कि यदि वे स्वयं निर्माण नहीं हटाते हैं, तो प्राधिकरण द्वारा किए गए ध्वस्तीकरण का खर्च भी उन्हें वहन करना होगा।

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