पेपर लीक मामले में नया खुलासा : मास्टरमाइंड ने की मनी लॉन्ड्रिंग, छह कंपनियों के जरिए काला धन सफेद करने का खेल

UPT | आरोपी राजीव नयन मिश्रा

Aug 09, 2024 13:34

मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा ने जो अवैध तरीके से धन कमाया उसे वैध बनाने के लिए कई कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियों के अनुसार, मिश्रा ने ग्रेटर नोएडा में स्थित अपने फ्लैट...

Short Highlights
  • परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा किया गया है
  • काले धन को वैध बनाने के लिए खोली गई कई कंपनियां
  • राजीव नयन मिश्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

 

Noida News : उत्तर प्रदेश में हाल ही में सामने आए परीक्षा पेपर लीक मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। दरअसल,  मामले के मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा ने जो अवैध तरीके से धन कमाया उसे वैध बनाने के लिए कई कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियों के अनुसार, मिश्रा ने ग्रेटर नोएडा में स्थित अपने फ्लैट के पते पर छह कंपनियां पंजीकृत की थीं।

पेपर लीक करवाकर वसूलता था भारी नगद
इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य परीक्षा में धांधली करके प्राप्त किए गए काले धन को वैध बनाना था। राजीव नयन मिश्रा पर आरोप है कि उसने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाकर अभ्यर्थियों से भारी मात्रा में नगद वसूला। यह रकम फिर इन कंपनियों के माध्यम से विभिन्न लेन-देन में इस्तेमाल की जाती थी, जिससे काला धन सफेद हो जाता था।



जांच एजेंसियों के मुताबिक, ये कंपनियां 2017 से 2020 के बीच अलग-अलग नामों से स्थापित की गईं। हालांकि इनमें कई भागीदार थे, लेकिन सबसे अधिक हिस्सेदारी राजीव नयन मिश्रा की ही थी। एसटीएफ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इन कंपनियों की गतिविधियों की बारीकी से जांच कर रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार हुआ सरगना
अधिकारियों का मानना है कि मिश्रा ने पेपर लीक के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। एसटीएफ ने उसे अप्रैल में ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, ईडी ने भी उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है। जांच एजेंसियां न केवल मिश्रा, बल्कि उसके सहयोगी रवि अत्री की भी संपत्तियों की जांच कर रही हैं। दोनों को शिक्षा माफिया घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। एसटीएफ इन दोनों की संपत्तियों का विवरण जुटा रही है, जिसे ईडी के साथ साझा किया जाएगा ताकि इन संपत्तियों को जब्त किया जा सके।

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काले धन को वैध बनाने के लिए खोली कई कंपनियां
इस मामले में सामने आई जानकारी के अनुसार, मिश्रा ने कई कंपनियां खोली थी। इन कंपनियों में सेमवॉल्ट टेक्नोलॉजीज, वेब ई एंड आई, सेमवाल्ट फूड क्लब, रेडी टु मूव कार्गो सर्विसेस, सेमवाल्ट डाइमेंशन और मेडिचॉइस शामिल हैं। सभी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में पंजीकृत हैं। इन कंपनियों के जरिए सभी लेन-देन की जांच अब ईडी की टीम करेगी, जिससे इस घोटाले की पूरी कड़ी का पता लगाया जा सके।

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