15 किमी का नया मेट्रो कॉरिडोर : यमुना पार कर दिल्ली से जुड़ेगा नोएडा, फिर होगा फरीदाबाद तक विस्तार

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Sep 04, 2024 18:01

नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद की यात्रा अब और भी अधिक सुविधाजनक होने वाली है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की...

Noida News : एनसीआर के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण खुशखबरी आई है। नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद की यात्रा अब और भी अधिक सुविधाजनक होने वाली है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है, जिसके तहत नोएडा-ग्रेटर नोएडा की एक्वा लाइन को दिल्ली के तुगलकाबाद से जोड़ा जाएगा।

दोनों शहरों के बीच यात्रा होगी आसान
इस नए मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई लगभग 15 किलोमीटर होगी, जो यमुना नदी को पार करते हुए नोएडा के सेक्टर-142 मेट्रो स्टेशन से दिल्ली के तुगलकाबाद तक जाएगी। यह नोएडा और दिल्ली के बीच तीसरा मेट्रो कॉरिडोर होगा, जो न केवल दोनों शहरों के बीच यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि कालिंदी कुंज पर लगने वाले भीषण जाम से भी राहत प्रदान करेगा। हालांकि इस परियोजना की पूर्णता की सटीक समय-सीमा अभी तक घोषित नहीं की गई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।



भविष्य में फरीदाबाद तक होगा विस्तार
डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि इस नए रूट का विस्तार भविष्य में फरीदाबाद और पलवल तक किया जाएगा, जिससे पूरे एनसीआर क्षेत्र में यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी। इस परियोजना का सर्वे कार्य पहले ही प्रारंभ हो चुका है। नए मेट्रो कॉरिडोर से विशेष रूप से ग्रेटर नोएडा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र को लाभ मिलेगा। इसमें सेक्टर-128, 129, 130, 132, 135, 137, 142, 151, 153 के साथ-साथ रायपुर, बख्तावरपुर, छपरौली, मंगरौली, झट्टा बादौली, और गढ़ी शाहदरा जैसे गांव भी शामिल हैं।

अंतिम चरण में डीपीआर
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) भी मेट्रो नेटवर्क के विस्तार पर काम कर रहा है। NMRC के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि वे सेक्टर-38ए बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक एक नया 11.5 किलोमीटर लंबा रूट विकसित कर रहे हैं, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है। इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण प्रस्तावित रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक जाएगा, जिससे क्षेत्र के शैक्षिक और तकनीकी केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

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