Greater Noida News : यूपीसीडा ने शुरू की नई पहल, क्यूआर कोड से  होगा शिकायतों का समाधान

UPT | यूपीसीडा।

May 28, 2024 00:23

बिजली और निर्माण कार्यों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए ग्रेटर नोएडा में यूपीसीडा ने क्यूआर कोड से चंद मिनटों में समाधान की नई पहल शुरू की है....

Short Highlights

यूपीसीडा ने शुरू की नई पहल

क्यूआर कोड से होगा शिकायतों का समाधान

क्यूआर कोड को स्कैन करने पर मिलेंगे अधिकारियों के नंबर 

Greater Noida News : उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अपने औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली और निर्माण कार्यों से जुड़ी समस्या के समाधान के लिए एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा के पांच औद्योगिक सेक्टरों में 3,327 बिजली के खंभों और सिविल वर्क के छह महत्वपूर्ण स्थानों पर क्यूआर (क्विक रिस्पांस) कोड लगाए गए हैं। इन क्यूआर का इस्तेमाल कर तुरंत अधिकारियों और ठेकेदारों को समस्या से अवगत कराया जा सकता है।

क्यूआर कोड को स्कैन करने पर मिलेंगे अधिकारियों के नंबर 
यूपीसीडा के वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल) एनके जैन ने बताया कि अब कोई व्यक्ति जिस खंभे या स्थान पर समस्या देखेगा, उसके क्यूआर कोड की फोटो खींचकर उस पर लिखे  ठेकेदार के मोबाइल नंबर पर भेज सकता है। इससे समस्या का जल्द समाधान संभव हो सकेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर ठेकेदार और यूपीसीडा अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी मिल जाएंगे। जिस पर फोन कर समस्या की जानकारी तुरंत दी जा सकती है।      

 बिजली और सिविल वर्क के लिए अलग-अलग होंगे क्यूआर कोड  
एनके जैन ने बताया कि क्यूआर कोड प्रणाली से जुड़े डाटा सेंटर पर एक-एक शिकायत दर्ज होगी और उन पर निगरानी भी रखी जाएगी। और साथ ही उन्हें ट्रैक भी किया जा सकेगा कि समस्या का निस्तारण कब हुआ। बिजली और सिविल वर्क के लिए अलग-अलग क्यूआर कोड हैं। खंभों पर लगे क्यूआर कोड में फर्म का नाम, ठेकेदार का नाम और मोबाइल नंबर भी लिखा होगा।

यूपीसीडा के इस पहल से लोगों को होगी सुविधा
यूपीसीडा के इस कदम से औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली और निर्माण कार्यों की समस्याओं का समाधान अब पहले से कहीं तेज और सुविधाजनक हो गया है। अब लोगों को फोन कर शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बस क्यूआर कोड की फोटो भेजनी होगी। और तुरंत शिकायत दर्ज करानी होगी। 3,327 बिजली के खंभों पर लगे क्यूआर कोड लगाए गए हैं। वहीं, औद्योगिक सेक्टरों के मुख्य गेटों पर भी क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं।  

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