अमेजॉन की पैकिंग में ड्रग्स : एनसीआर में तस्करी करता था बीबीए पास युवक, पांच लाख का गांजा बरामद

UPT | गाजियाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़ा गया गांजा तस्कर

Apr 04, 2024 23:37

दिल्ली से छोटे पैकेट लेकर गाजियाबाद और दिल्ली बार्डर पर गांजा की सप्लाई शुरू की। इसके बाद जब उसको मोटा मुनाफा होने लगा तो उसने दूसरे तस्करों से भी माल लेना शुरू कर दिया...

Short Highlights
  • कोरोना काल में गई नौकरी तो बन गया गांजा तस्कर
  •  डिलीवरी बॉय बनकर करता था ड्रग्स की सप्लाई
  • .ग्रेजुएट युवक पहले मेक माई ट्रिप में करता था नौकरी
Ghaziabad News : लॉक डाउन के दौरान बीबीए पास युवक की मेक माई ट्रिप से नौकरी छूटी तो वह ड्रग्स तस्कर बन गया। ग्रेजुएट युवक अमेजॉन की पैकिंग में ड्रग्स और गांजा की सप्लाई करता था। गांजा तस्करी का राज किसी के सामने ना खुले इस कारण वो डिलीवरी ब्वाय बना हुआ था। 

गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने शिवम नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया
गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने शिवम नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक के पास से करीब पांच लाख रुपए कीमत का गांजा बरामद हुआ है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अमेजॉन की पैकिंग में गांजा बेचने का काम करता था। ऐसा वह इसलिए करता था जिससे कि किसी को उसके ऊपर शक ना हो और सब उसको डिलीवरी ब्वाय ही समझे। 
पैसे की किल्लत हुई तो बना गांजा तस्कर 

दिल्ली से छोटे पैकेट लेकर गाजियाबाद और दिल्ली बार्डर पर गांजा की सप्लाई
बीबीए पास युवक की कोरोना काल में मेक माई ट्रिप से नौकरी छूटी तो वह काफी परेशान हो गया। युवक शिवम की मुलाकात इस दौरान दिल्ली के गांजा तस्कर बॉस्कों से हुई। बॉस्को ने शिवम को बताया कि गांजा तस्करी में खूब पैसा है और मोटा मुनाफा भी है। शिवम ने पहले दिल्ली से छोटे पैकेट लेकर गाजियाबाद और दिल्ली बार्डर पर गांजा की सप्लाई शुरू की। इसके बाद जब उसको मोटा मुनाफा होने लगा तो उसने दूसरे तस्करों से भी माल लेना शुरू कर दिया। जब उसका काम चल निकला तो पकड़े जाने के डर से वह अमेजॉन की पैकिंग में गांजा पैक करके बाइक से गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर इलाके के कार्पोरेट आफिस, कॉलेज और फैक्ट्री के आसपास सप्लाई करने लगा। 

गांजा पुड़िया की कीमत 1000 रुपए 
पकड़े गए युवक शिवम ने बताया कि वो एक गांजा पुड़िया को वो 1000 रुपए में बेचा करता था। उसने बताया कि गाजियाबाद और एनसीआर में गांजा की खूब डिमांड है। खासतौर पर कॉलेज और कार्पोरेट आफिसों के आसपास।  
 

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