गाजियाबाद बेहटा हाजीपुर अग्निकांड : धुएं ने रोका रास्ता, अग्निकांड में खामोश हुईं पांच जिंदगियां

UPT | गाजियाबाद बेहटा हाजीपुर में आग की लपटों से घिरा मकान।

Jun 13, 2024 09:33

आग अपना दायरा बढ़ाती जा रही थी और सभी जिंदा लोगों को अपने आगोश में समेटने के लिए तेजी से बढ़ रही थी। सातों जान बचाने के लिए घर की छत की ओर दौड़े। पांच का रास्ता धुएं ने रोक लिया। जबकि दो लोग छत तक पहुंच गए।

Short Highlights
  • गाजियाबाद के बेहटा हाजीपुर में पूरी रात छाया रहा मातम
  •  एक ही परिवार के सभी पांचों शवों को आज दफनाया जाएगा
  • जिंदा बचे दो लोग राख हुए मकान को देख रात भर बिलखे
Ghaziabad News : गाजियाबाद लोनी क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर गांव में हुए अग्निकांड में एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदगी खामोश हो गई। घर के भीतर लगी आग में बचाओ-बचाओं चींखते रहे लेकिन अंत में ये आवाज भी खामोश हो गई। आगं की लपटों और धुएं के गुबार में सात लोग फंसे थे। सातों आग की लपटों के बीच जान बचाने के लिए कभी छत की ओर कभी नीचे की ओर भागते। लेकिन आग अपना दायरा बढ़ाती जा रही थी और सभी जिंदा लोगों को अपने आगोश में समेटने के लिए तेजी से बढ़ रही थी। सातों जान बचाने के लिए घर की छत की ओर दौड़े। पांच का रास्ता धुएं ने रोक लिया। जबकि दो लोग छत तक पहुंच गए। जिनकों पड़ोसियों ने अपनी जान पर खेलकर बचा लिया। बाकी पांचों की दाम घुटने और आग की चपेट में आने से जान चली गई। शवों को रात तीन बजे मकान की दीवार तोड़कर बाहर निकाला गया। मकान के अंदर सात लोगों में सारिक की पत्नी फरहीन, सात महीने का बेटा सीज, बहन नाजरा, बहनोई सैफ और भांजी इसरा, भाजपां अर्श और बहन उज्मा थे। मरने वालों में सैफ और इसरा, सीज, फरहीन और नाजरा शामिल हैं। 

दूध लेकर लौटे तो उजड़ चुकी थी दुनिया
सारिक रात आठ बजे दूध लेने के लिए बाहर गए थे। दूध लेकर जब वो लौटे तो उनका पूरा मकान आग की लपटों से घिरा हुआ था। घर के अंदर से बचाओ—बचाओं चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। वो दूध को जमीन में रखकर वहीं निढाल होकर गिए गए। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझी तो उनका सब कुछ लुट चुका था। घर के अंदर पत्नी, बेटे, बहन, बहनोई और भांजी की लाश जली हुई अवस्था में पड़ी हुई थी। 

दमकल समय आती तो बच जाती जान
 आग रात में आठ बजे के आसपास लगी और दमकल की गाड़ी आग बुझाने के लिए रात 10 बजे पहुंची। लोगों का कहना है कि आग लगने के बाद तुरंत बार ही दमकल विभाग को इसकी सूचना दी चुकी थी। लेकिन इसक बावजूद दमकल की गाड़ियां रात 10 बजे पहुंची। तीन घंटे की मशक्कत के बाद दो दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। 

सभी शवों का दफीना आज 
आग में झुलकर मरे साारिके परिजनों के शवों का दफीना आज होगा। रिश्तेदारों का आना लगा हुआ है। रात भर सारिक और उनके रिश्तेदारों का रोना चिल्लाना मोहल्ले में सन्नाटें को चीरता रहा। 

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