Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा पर कई दुर्लभ संयोगों का निर्माण, शुभ संयोग में करें पूजा, खुलेंगे सफलता के रास्ते!

UPT | गुरु पूर्णिमा 2024

Jul 20, 2024 11:09

पूजा स्थल पर चंदन से 12 सीधी और 12 आड़ी रेखाएं खींचकर व्यास-पीठ बना लें। इसके बाद गुरु पूजा का संकल्प लें और दसों दिशाओं में चावल छोड़ें।

Short Highlights
  • आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि कल रविवार को 
  • गुरु पूर्णिमा पर कई दुर्लभ संयोग का निर्माण 
  • व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जानी जाती है गुरु पूर्णिमा 
Guru Purnima 2024: प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। ज्योतिषार्चा के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस कारण से इस गुरु पूर्णिमा का महत्व और बढ़ जाता है। इस गुरु पूर्णिमा पर शुभ संयोग में की गई पूजा अर्चना जीवन में सफलता के रास्ते खोलेगी। 

महाभारत के रचयिता ऋषि वेद व्यास जी का जन्म
मान्यता है कि इस पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता ऋषि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इसके चलते इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाते हैं। गुरु पूर्णिमा पर पूजा-पाठ और दान-पुण्य का भी खास महत्व है।

रविवार को दोपहर 03.46 मिनट पर खत्म
पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि आज 20 जुलाई दिन शनिवार को शाम 05.59 मिनट पर शुरू होगी और 21 जुलाई, दिन रविवार को दोपहर 03.46 मिनट पर खत्म होगी। श़ास्त्रों में उदयातिथि को ही माना गया है। इस कारण से गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई रविवार को ही मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है। जिससे पूर्णिमा का महत्व और बढ़ता है।

गुरु पूर्णिमा पर शुभ संयोग
इस बार की गुरु पूर्णिमा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05.37 मिनट पर शुरू होगा। इसका समापन मध्य रात्रि 12.14 बजे होगा। इसी के साथ उत्तराषाढ नक्षत्र भोर से लेकर मध्य रात्रि 12.14 मिनट तक रहेगा। इस दिन श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग भी बन रहा है। इसके अलावा विष्कंभ योग सुबह से लेकर रात 09.11 मिनट तक रहेगा।

गुरु पूर्णिमा पर इन चीजों का रखें खास ध्यान
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इसके करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी के साथ करियर में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। गुरु पूर्णिमा पर गीता पाठ करने के बाद कुछ देर गाय की सेवा करें। इससे तरक्की में लाभ मिलता है।
पूजा स्थल पर चंदन से 12 सीधी और 12 आड़ी रेखाएं खींचकर व्यास-पीठ बना लें। इसके बाद गुरु पूजा का संकल्प लें और दसों दिशाओं में चावल छोड़ें। व्यास जी की फल, फूल, कुमकुम, हल्दी, आदि पूजन सामग्री से पूजा करें। इस दिन गुरु दीक्षा लेने की भी परंपरा है। 

जरूरतमंद को पीले अनाज, पीले वस्त्र भेट करें
गुरु पूर्णिमा पर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पीले अनाज, पीले वस्त्र और पीली मिठाई दान करनी चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत होता है। धर्म ग्रंथों में गुरु के महिमा का बखान किया है। गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा पर उनकी विशेष पूजा करते हैं। गुरुजन को तिलक लगाकर फूलों की माला पहनाए। उन्हें वस्त्र, फल, फूल, भेंट दिए जाते हैं।
 

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