आरआरटीएस कॉरिडोर : साहिबाबाद से शताब्दी नगर तक खूबसूरत हरियाली से बना ईको फ्रेंडली कॉरिडोर

UPT | Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System

May 28, 2024 16:58

ईको फ्रेंडली बनाने के लिए साहिबाबाद से शताब्दी नगर मेरठ तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा रहा है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन...

Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System : विश्व पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर) को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए साहिबाबाद से शताब्दी नगर मेरठ तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा रहा है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं। 

वायडक्ट के नीचे बने मीडियन में लगाए
इनमें से आधे पौधे आरआरटीएस कॉरिडॉर के साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) तक के कुल 48 किमी के खंड में वायडक्ट के नीचे बने मीडियन में लगाए जा रहे हैं। पौधारोपण का कार्य 95 फीसदी से ज्यादा पूर्ण हो चुका है। वहीं बाकी के आधे पौधों को आरआरटीएस डिपो, दुहाई में लगाया गया है। 

प्लुमेरिया अल्बा, अल्लामांडा, मानसोआ, चमेली और मधुमालती
दुहाई से शताब्दी नगर तक वायडक्ट के नीचे मीडियन में लगाए जाने वाले पौधों में बोगनवेलिया, टिकोमा, प्लुमेरिया अल्बा, अल्लामांडा, मानसोआ, चमेली और मधुमालती शामिल हैं। ये सभी पौधे खूबसूरत फूलों के लिए पहचाने जाते हैं। ये पौधे आरआरटीसी कॉरिडोर के साथ-साथ इस पूरे क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के साथ ही आकर्षक और मनमोहक भी बनाएँगे। इन पौधे पर लगने वाले रंग-बिरंगे फूलों से यह पूरा क्षेत्र खूबसूरत और मनमोहक बन जाएगा।  

70-75 प्रकार के पौधों में फ़िकस कॉम्पेक्टा
दूसरी ओर आरआरटीएस डिपो, दुहाई में लगाए गए लगभग 70-75 प्रकार के पौधों में फ़िकस कॉम्पेक्टा, जुनिपरस चिनेंसिस, फ़िकस पांडा बॉल, त्रिकोणीय पाम, सिल्वर युक्का, प्लुमेरिया (चम्पा), केंटिया पाम, टर्मिनेलिया मैटेलिका, गोल्डन बैम्बू , ड्रिकेनिया विक्टोरिया, स्पाइडर लिली, लैंटाना डिप्रेसा, नीम, गुलमोहर, अल्तमश, कचनार, अशोक, कदम, शीशम, सिल्वर ओक, टीक, कनेर, टिकोमा और बोगविलिया समेत अन्य पौधों एवं वृक्षों की प्रजातियाँ शामिल हैं।

पानी देने के लिए भी निर्धारित टीमें लगाई गई
इन पौधों की देखभाल और पानी देने के लिए भी निर्धारित टीमें लगाई गई हैं। इन पौधों को समय-समय पर पानी दिया जा रहा है और उनकी देखभाल की जा रही है। कॉरिडोर के नीचे इन पौधों के लगाए जाने से यहां आकर्षक हरियाली है, जो पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने में सहयोग दे रही है। 

मुरादनगर से मोदी नगर नॉर्थ के बीच नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू
दुहाई (ईपीई) से शताब्दी नगर तक के खंड में मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी और शताब्दी नगर कुल 7 स्टेशन हैं। मुरादनगर से मोदी नगर नॉर्थ के बीच नमो भारत ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है और इससे के आगे के स्टेशनों में निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं। शताब्दी नगर से आगे मोदीपुरम तक भी कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और इस सेक्शन के तैयार होने पर यहां भी पौधे लगाने की प्रक्रिया आरंभ होगी। 

प्रत्येक चरण में निम्न कार्बन उत्सर्जन को सुनिश्चित करना
परियोजना की संकल्पना से लेकर इसके कार्यान्वयन तक, एनसीआरटीसी निरंतर पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाता रहा है। प्री-डिज़ाइन चरण से शुरू होकर, निर्माण के प्रत्येक चरण में निम्न कार्बन उत्सर्जन को सुनिश्चित करना संस्था की प्राथमिकता रही है। फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट का प्रभावी निपटान, हवादार और आरामदायक बिल्डिंग इंटीरियर का निर्माण, ऊर्जा-कुशल डिजाइन, वर्षा जल संचयन प्रणालियों का कार्यान्वयन और सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग जैसी तमाम पहल, सतत विकास के प्रति एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता के उदाहरण हैं।
 

Also Read