हरियाली तीज : परिघ योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में मनाई जाएगी तीज

UPT | हरियाली तीज का पर्व उदया तिथि 07 अगस्त दिन बुधवार को

Aug 05, 2024 08:50

तीज पूजा की खास बात ये है कि यदि पति-पत्नी आपस में तीन वचन लेते हैं तथा तीन बुरी आदतों को छोड़ते हैं तो पति-पत्नी दोनों का जीवन अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है

Short Highlights
  • वायु तत्व से संसर्ग का महत्वपूर्ण योग 
  • बुधवार सात अगस्त को मनाई जाएगी हरियाली तीज
  • शुभ मुहूर्त में भगवान को झूला झुलाने से होगा लाभ  
Ghaziabad News : श्रावण शुक्ल तृतीया इस वर्ष छह अगस्त दिन मंगलवार को रात्रि में 07:54 मिनट पर प्रारम्भ होगी और 07 अगस्त को रात्रि 10:08 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार हरियाली तीज का पर्व उदया तिथि 07 अगस्त दिन बुधवार को मनाया जायेगा। जब चन्द्रमा सिंह राशि पर विचरण कर रहे होंगे। इसके साथ परिघ योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, तैतिल व गरकरण होने के कारण शुभ मुहूर्त पड़ रहा है। ऐसे शुभ मुहूर्त में भगवान को झूला झुलाना काफी शुभ माना जा रहा है। ऐसे समय में वायु तत्व से संसर्ग करके महत्वपूर्ण योग बना रहा है। 

ये करें विशेष  
पंड़ित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि सूर्योदनी कज्जली तीज में सुख ऐश्वर्य में लाभ के तथा भाग्य ऊर्जावान होकर जागे तथा धन परिवार की स्थिति व यश मान प्रतिष्ठा ऊँची होने के योग बनेंगे, यदि शुभ मुहूर्त में झूलन व पूजन किया जाए। वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए बांसुरी बजाएं अथवा बांसुरी सुनें तथा रोग व झंझट तथा हताशा-निराशा को हटाने के लिए डमरू बजाएं अथवा मुख से ही बम-बम, या डम-डम की ध्वनि करें।  

विशेष झूलन व पूजन मुहूर्त
भगवान राधा-कृष्ण/शिव-पार्वती के झूलन का श्रेष्ठ समय     
लाभामृत योग        - प्रातः     05:46 से 09:06तक
शुभ योग            -प्रातः     10:46 से 12:26pm तक
चल योग            -अपरान्ह    03:46 से 05:26 तक
लाभ योग            -शाम    05:26 से 07:07तक

सौभाग्य त्योहार
श्रावणी शिव रात्रि को हुआ था शिव पार्वती के विवाह बाद हरियाली तीज जिसे कज्जली तीज भी कहा जाता है, शिव पार्वती के प्रथम मिलन का प्रेममय त्यौहार है। इसलिये श्रावणी तीज पर महिलायें विशेष श्रृंगार करने से पूर्व हाथों, पांवों में मेंहदी अवश्य लगायें ताकि श्रृंगार, शुभ-श्रृंगार बन जाये। इस बार तीज के त्यौहार को महिलाओं द्वारा अपने मायके में मनाया जाना अधिक मंगलकारी प्रभाव देगा। इस पर्व पर ‘जीवंतिका’ पूजन तथा ‘मधुश्रृवा’ गीतों को गाये जाने का विशेष महत्व है। 

पति-पत्नी द्वारा विवाह पर लिए वचनों को निभाने का संकल्प पर्व
तीज पूजा की खास बात ये है कि यदि पति-पत्नी आपस में तीन वचन लेते हैं तथा तीन बुरी आदतों को छोड़ते हैं तो पति-पत्नी दोनों का जीवन अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है और दम्पत्ति द्वारा लिये तीन वचन जीवन में मधुरता को बढ़ाते हैं। 
1. आपस में कोई छल-कपट नहीं करेंगे।
2. झूठ एवं दुर्व्यवहार का सहारा नहीं लेंगे। 
3. एक दूसरे की बुराई नहीं करेंगे। 
इस प्रकार श्रावण की शुक्ल पक्ष में चारों ओर हरियाली के वातावरण में ये झूले से जुड़ा तीज का त्यौहार जीवन को श्रृंगार व आनन्द से भर देता है तथा भगवान राधे-कृष्ण व शिव-पार्वती दोनों की प्रसन्नता प्रदान कराता है।   
 

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