राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन : खरीफ-तिलहन मेले में किसानों को दी फसल अवशेष को जलाने के दुष्परिणामों की जानकारी

UPT | गाजियाबाद के मुरादनगर में लगे खरीफ तिलहन मेले में आए किसान।

Aug 31, 2024 00:00

एक दिसम्बर 2024 से पशु गणना का कार्य किया जायेगा। विभाग में मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं सूकर पालन की योजनाएं संचालित है। जिन पर कृषकों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।

Short Highlights
  • गाजियाबाद के मुरादनगर में आयोजित हुआ किसान मेला 
  • कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन)" के तहत आयोजन 
  • पशु विभाग सहित अन्य योजनाओं के बारे में किसानों को दी जानकारी 
Ghaziabad News : गाजियाबाद में "प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ काप रेज्ड्यू" योजनान्तर्गत फसल अवशेष जलाने से दुष्परिणामों के प्रति कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन)" योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय खरीफ (तिलहन) मेला का आयोजन किया गया। 

फसल अवशेष को नवीनतम कृषि यंत्रों के माध्यम से
मेले में सर्वप्रथम राम जतन मिश्र, उप कृषि निदेशक, गाजियाबाद द्वारा फसल अवशेष को जलाने से होने वाले दुष्परिणामों एवं फसल अवशेष को नवीनतम कृषि यन्त्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाने से होने वाले लाभों के प्रति कृषकों को विस्तृत जानकारी दी। इसी के साथ खरीफ सत्र में तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया। अवगत कराया कि तिलहनी फसलें कम लागत में उगाई जा सकती है, जिससे कृषकों को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

पशु पालन विभाग के योजनाओं की जानकारी दी
एसपी पाण्डेय, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा पशुपालन विभाग में चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी कृषकों को दी गयी। अवगत कराया कि इस समय खुरपका एवं मुँहपका के टीकाकरण का कार्य चल रहा है। एक दिसम्बर 2024 से पशु गणना का कार्य किया जायेगा। विभाग में मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं सूकर पालन की योजनाएं संचालित है। जिन पर कृषकों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। कृषक अधिक जानकारी के लिये कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

फसल अवशेष प्रबन्धन पर कृषकों को जानकारी 
डॉ. सीपी गुप्ता, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन पर कृषकों को जानकारी दी गयी तथा कहा गया कि फसल अवशेष जहां से पैदा हो रहे है वहीं पर इनको कृषि यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में मिला दिया जाये जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढती है। जहां पर फसल अवशेष को जलाया जाता है वहां कि मिट्टी लाल पड़ जाती है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। कृषकों से अपील की गयी कि वे फसल अवशेष को नवीनतम कृषि यन्त्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाये।

तिलहनी फसलों को बढ़ावा 
डा० पल्लवी चौधरी, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी कृषकों को दी। डा० प्रमोद कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर द्वारा कृषकों को जैविका खेती के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी।

मेले में लगाए स्टाल पर किसानों को किया जागरूक
उपरोक्त मेले/जागरूकता कार्यक्रम में जिला अग्रणी प्रबन्धक, केनरा बैंक, खण्ड विकास अधिकारी मुरादनगर, जिला कृषि अधिकारी, गाजियाबाद आदि अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मेले में विभिन्न विभागों द्वारा 14 स्टॉल भी लगाये गये। मेले में लगभग 260 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अन्त में जिला कृषि अधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं किसानों का धन्यवाद करते हुये गोष्ठी समापन की घोषणा की गयी।

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