Ghaziabad News : गाजियाबाद में जल्द लागू होगा नया डीएम सर्किल रेट, बैठकों का दौर जारी

UPT | गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय।

Jun 24, 2024 02:19

राजस्व ग्रामों के आबादी घोषित खसरा नंबर और आबादी के पास के खसरा नंबर को भी शामिल करना होगा। यूपीसीडा, आवास विकास परिषद व गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आने वाली परियोजना की दरों को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।

Short Highlights
  • एडीएम फाइनेंस सौरभ भट्ट की अध्यक्षता में बैठक 
  • सभी उप निबंधक और एसडीएम को प्रस्ताव सूची देने के निर्देश 
  • तहसीलदार और एसडीएम सर्किल रेट वृद्धि का प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे
Ghaziabad News : गाजियाबाद में दो साल के बाद नया डीएम सर्किल रेट लागू करने की तैयारी है। इसका सर्वे और अन्य तैयारियों के लिए एडीएम फाइनेंस सौरभ भट्ट की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है। सभी उप निबंधक, संबंधित एसडीएम और तहसीलदारों को सर्वे करने के बाद 15 जुलाई तक प्रस्ताव सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में योजना बनाई गई
बैठक में योजना बनाई गई है कि जिन क्षेत्रों में सर्किल रेट से अधिक बाजार रेट हैं उनकी जांच कराई जाएगी। उसके बाद संबंधित एसडीएम और तहसीलदार वहां के लिए सर्किल रेट वृद्धि का प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे। सर्किल रेट में अभी तक जो सेगमेंट हैं उनका परीक्षण किया जाए और अगर किसी को लगता है कि कोई नया सेगमेंट बनाना है तो प्रस्ताव में उसको शामिल किया जाए। ऐसे क्षेत्र जो मुख्य मार्ग पर हैं और वहां व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है तो उन क्षेत्रों में नए सेगमेंट बनाने का प्रस्ताव दिया जाए।

आबादी के पास के खसरा नंबर को भी शामिल करना होगा
राष्ट्रीय, राज्य या जनपदीय लिंक मार्ग पर पड़ने वाले खसरा नंबर की सूची तहसीलदार से लेकर उसके दर की सूची बनाई जाएगी। इस दर सूची में राजस्व ग्रामों के आबादी घोषित खसरा नंबर और आबादी के पास के खसरा नंबर को भी शामिल करना होगा। यूपीसीडा, आवास विकास परिषद व गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आने वाली परियोजना की दरों को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।

राजस्व ग्राम की कृषि दरों की समीक्षा की जाएगी
एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसे राजस्व ग्राम जहां कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल अब काफी कम रहा गया है और वहां की जमीनों पर कृषि कार्य नहीं हो रहा उन राजस्व ग्राम की कृषि दरों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कृषि दरों को समाप्त किया जाएगा।

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