गाजियाबाद से बड़ी खबर : अब मोदीनगर साउथ तक दौड़ी नमो रैपिड ट्रेन, ट्रायल रन शुरू, तेज हुआ निर्माण

Wikipedia | प्रतीकात्मक फोटो

Dec 28, 2023 19:39

ट्रायल रन की इस प्रक्रिया में मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशन से मोदीनगर साउथ तक ओएचई को 25 केवीए की क्षमता के साथ चार्ज किया गया है, जिसके बाद इस खंड में ट्रेन चलाई जा रही है।

Short Highlights
  • दुहाई से आगे के सेक्शन पर गुरुवार को ट्रायल रन आरंभ हो गया है।
  • आरआरटीएस से जुड़े अफसरों ने बताया कि कॉरिडोर के निर्माण ने दिल्ली और मेरठ में गति पकड़ी है।
  • अब दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन के बीच 25 किमी के सेक्शन को जनता के लिए परिचालित किया जाना है।
Ghaziabad News : दिल्ली और मेरठ के बीच रैपिड रेल से जुड़ी खास खबर है। आरआरटीएस कॉरिडोर पर प्राथमिक खंड परिचालन के बाद अब दूसरे फेज पर ट्रायल रन शुरू ही गए हैं। दुहाई से आगे के सेक्शन पर गुरुवार को ट्रायल रन आरंभ हो गया है। दुहाई से लेकर मोदी नगर साउथ स्टेशन तक नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन किया जा रहा है। ट्रायल रन की इस प्रक्रिया में मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशन से मोदीनगर साउथ तक ओएचई को 25 केवीए की क्षमता के साथ चार्ज किया गया है, जिसके बाद इस खंड में ट्रेन चलाई जा रही है। वर्तमान में नमो भारत ट्रेन दुहाई स्टेशन से आगे मुरादनगर स्टेशन और फिर उससे आगे मोदीनगर साउथ तक लगभग 12 किमी की दूरी में चलाई जा रही है।

यह है पूरी परियोजना
अब दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन के बीच 25 किमी के सेक्शन को जनता के लिए परिचालित किया जाना है। इस खंड में कुल 4 स्टेशन हैं। जिनमें मुरादनगर, मोदीनगर नॉर्थ, मोदीनगर साउथ और मेरठ साउथ स्टेशन शामिल हैं। बीते जून माह में आखिरी स्पैन की स्थापना के साथ मेरठ साउथ तक वायाडक्ट का निर्माण पूरा कर लिया गया था। इसके बाद इस खंड में ट्रैक बिछाने, ओएचई इंस्टॉलेशन, सिग्नलिंग, टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल आदि निर्माण कार्यों ने गति पकड़ी। वर्तमान में ट्रैक बिछाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। अन्य कार्य अंतिम चरण में हैं। साथ ही मुराद नगर से मेरठ साउथ तक विद्युत आपूर्ति करने के लिए मुरादनगर आरएसएस तैयार है। जल्द ही मोदीनगर नॉर्थ और मेरठ साउथ स्टेशन के बीच में ओएचई चार्ज की जाएगी। इसके बाद ट्रेनों को मेरठ साउथ स्टेशन तक चलाकर इस खंड में ट्रायल रन किया जाएगा।

अब निर्माण ने पकड़ी रफ्तार
आरआरटीएस से जुड़े अफसरों ने बताया कि कॉरिडोर के निर्माण ने दिल्ली और मेरठ में गति पकड़ी है। निर्माण कार्यों में हुई तीव्र प्रगति की बदौलत दिल्ली से मेरठ तक आरआरटीएस के वायाडक्ट की रूपरेखा स्पष्ट रूप से नजर आने लगी है। अधिकांश स्टेशनों ने आकार ले लिया है। दिल्ली सेक्शन के एलिवेटेड सेक्शन में लगभग 9 किमी लंबे वायाडक्ट में से लगभग 7 किमी वायाडक्ट का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यमुना नदी के ऊपर पुल का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यह एक जटिल प्रक्रिया थी। इसके अलावा कोंडली के भीड़भाड़ वाले इलाके में गाजीपुर ड्रेन को पार करने के लिए कुल 360 मीटर लंबे 6 स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किए गए हैं। न्यू अशोक नगर में आरआरटीएस वायाडक्ट ने दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन को ऊपर से क्रॉस किया है। वर्तमान में बारापुला को क्रॉस करने के लिए निर्माण तेजी से चल रहा है।

परियोजना 30,274 करोड़ की लागत से पूरी होगी
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम 82.15 किमी लंबा रैपिड रेल कॉरिडोर है, जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ेगा। यह निर्माणाधीन है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की परियोजना है। यह दिल्ली-एनसीआर में प्रस्तावित तीन रैपिड रेल गलियारों में से एक है। इस कॉरिडोर में 180 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति के साथ दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 60 मिनट से भी कम समय में तय की जाएगी। यह परियोजना 30,274 करोड़ की लागत से पूरी होगी। इसमें 14 स्टेशन हैं। दुहाई और मोदीपुरम में दो डिपो होंगे। इस परियोजना की आधारशिला मार्च 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। निर्माण जून 2019 में शुरू हुआ। परियोजना का पहला चरण साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबा प्राथमिकता गलियारा है। कुछ स्टेशनों विशेषकर गाजियाबाद में काम लंबित होने के कारण इसमें देरी हुई। इसका उद्घाटन 20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। शेष पूरे 82 किमी लंबे गलियारे को जून 2025 तक खोल दिया जाएगा।

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