मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस : ट्रैक पर खाली ही दौड़ रही ट्रेन, जानिए इसके पीछे की वजह

UPT | मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस

Sep 27, 2024 10:13

देशभर में विभिन्न रूटों पर संचालित 60 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस की ऑक्यूपेंसी दर काफी कम है। इस ट्रेन ने 1 सितंबर से अपनी यात्रा शुरू की है और वर्तमान में यह...

Meerut News : देशभर में विभिन्न रूटों पर संचालित 60 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस की ऑक्यूपेंसी दर काफी कम है। इस ट्रेन ने 1 सितंबर से अपनी यात्रा शुरू की है और वर्तमान में यह 22490 नंबर के साथ 56वें स्थान पर है। वहीं लखनऊ-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस जो 26 मई से चलाई जा रही है, वो 31वें स्थान पर है। दोनों ट्रेनें बरेली होकर गुजरती हैं।

360 सीटें रोजाना खाली
मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस में महज 24% सीटें ही बुक हो रही हैं, जबकि यह ट्रेन औसतन 360 खाली सीटों के साथ चल रही है। इसके विपरीत, लखनऊ-देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार श्रेणी की 474 सीटों में औसतन 88.4% सीटें बुक हो रही हैं, जिससे यह ट्रेन अपेक्षाकृत सफल मानी जा रही है।


अन्य ट्रेनों की स्थिति
यूपी से गुजरने वाली कई अन्य वंदे भारत ट्रेनें जैसे 22458 देहरादून-आनंद विहार, 22345 पटना-लखनऊ और 20887 रांची-वाराणसी में शत-प्रतिशत सीटें बुक हो रही हैं। इसके अलावा नई दिल्ली-कटड़ा और आनंद विहार-अयोध्या वंदे भारत ट्रेनों में 90-99% तक सीटें बुक हैं।

यात्रियों की पसंद का कारण
मेरठ से लखनऊ के लिए पहले से ही राज्यरानी एक्सप्रेस और नौचंदी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें प्रतिदिन चलती हैं। जो यात्रियों के लिए बेहतर विकल्प हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस की यात्रा समय 7:10 घंटे है, जबकि राज्यरानी एक्सप्रेस 8 घंटे और नौचंदी एक्सप्रेस 9:10 घंटे का समय लेती है। इन दोनों ट्रेनों के बीच महज 50 मिनट का अंतर है। 

किराया भी एक महत्वपूर्ण कारक
वंदे भारत एक्सप्रेस का चेयरकार किराया 1,355 रुपये है। जबकि राज्यरानी एक्सप्रेस का किराया केवल 645 रुपये है। इस महंगाई के दौर में यात्रियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय कारक बन गया है। जिसके चलते यात्री वंदे भारत के बजाय राज्यरानी को प्राथमिकता दे रहे हैं। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मेरठ-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस की ऑक्यूपेंसी में सुधार के लिए विस्तार की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए बेहतर सेवा, सुविधाओं और किराए की समीक्षा की आवश्यकता है ताकि यात्रियों का ध्यान आकर्षित किया जा सके।

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