Meerut News : सावधान! पनीर, दूध, बेसन और देशी घी के लिए नमूने फेल, 38 लाख का जुर्माना लगाया

UPT | खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए खाद् पदार्थों के 40 नमूने फेल

Feb 07, 2024 17:26

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए खाद् पदार्थों के 40 नमूने फेल पाए गए हैं। जिस पर 37 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

Meerut News : बाजार से सेहत बनाने के लिए अगर पनीर, दूध और देशी घी खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा ना हो कि ये सेहत बनाने की बजाय बिगड़ दें। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लिए गए खाद्य पदार्थों के 40 नमूने फेल पाए गए हैं। जिस पर 37 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 

77 खाद्य पदार्थों में 40 के नमूने मानकों पर फेल
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) द्वारा 77 खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट आई है। जिनमें 40 नमूने मानकों पर फेल पाए गए हैं। इनमें 31 अधोमानक, तीन असुरिक्षत और छह मिथ्या छाप पाए गए हैं। ये सभी ​लिए गए नमूनों का 51.95 प्रतिशत बताया जा रहा है। सभी फेल नमूने पनीर, दूध, बेसन, घी, सॉस, तेल, नमकीन और मिठाइयों के हैं। कचरी और सॉस में खतरनाक रंग मिलाए हुए था। जबकि दूध, घी और पनीर में अलग से फैट मिलाया था। मिठाइयों को चमकाने के लिए अधिक मात्रा में रंग मिलाया था। सरसों के तेल में पाम ऑयल मिला पाया गया। मिलावट करने वालों के खिलाफ कोर्ट ने 37 लाख 75 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। 

लचर कार्यप्रणाली है जिम्मेदार
लचर प्रशासनिक कार्यप्रणाली के कारण मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। मिलावट के सभी मामलों में जुर्माना लगता है, सजा नहीं हो पाती है। जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला नहीं है। अधिवक्ता रामकुमार शर्मा का कहना है कि कानून में मिलावटखोरों पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन मिलावट से संबंधित 90 प्रतिशत मामले प्रशासनिक कोर्ट में स्थानांतरित हो जाते हैं। जिस कारण वह न्यायालय की कार्रवाई से बच जाते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी 
एफएसडीए के अभिहित अधिकारी दीपक सिंह की मानें तो खाद्य विभाग की टीमें लगातार छापेमारी करती हैं। खाद्य पदार्थों सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है। जो नमूने मिलावटी होते हैं, उनमें एफआईआर दर्ज कराई जाती है।

Also Read