Kargil Vijay Diwas 2024 : मेरठ के छह सपूतों ने अपनी शहादत देकर लिखी थी कारगिल युद्ध में विजय गाथा

UPT | Kargil Vijay Diwas 2024

Jul 26, 2024 09:35

मेरठ में जन्में वीर सपूतों ने ऐसी अनगिनत शौर्य कहानियों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है। चाहे 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हो या फिर कारगिल की लड़ाई।

Short Highlights
  • मेरठ के छावनी में सेना ने मनाया आज कारगिल विजय दिवस
  • कारगिल विजय दिवस की आज 25 वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
  • मेरठ के सपूतों के नाम है अनगिनत शौर्य गाथाएं   
Kargil Vijay Diwas 2024: भारतीय सेना का जवान देश की एक इंच भूमि की रक्षा के लिए वो सब कुछ कर सकता है जो उसके पास करने को होता है। मेरठ में जन्में वीर सपूतों ने ऐसी अनगिनत शौर्य कहानियों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है। चाहे 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हो या फिर कारगिल की लड़ाई। जिनको भावी पीढ़ी सुनकर आज जोश से भर जाती है। देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम मई 1857 से लेकर आजादी तक और आजादी के बाद विभिन्न युद्धों व आपरेशनों में मेरठ के सपूतों का बलिदानी योगदान नकारा नहीं जा सकता है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में मेरठ के जांबाज सपूत ने दुश्मन सैनिकों को छठी का दूध याद दिला दिया था। कारगिल युद्ध में मेरठ के छह जाबाजों ने अपनी शहादत देकर भारतीय सेना के जीत की पटकथा लिख दी थी।

ये हैं मेरठ के वीर सपूत जिन्होंने दी शहादत
कारगिल युद्ध को आज 25 साल हो चुके हैं। कारगिल युद्ध में सबसे पहले बलिदान होने वालों में मेजर मनोज तलवार का नाम पहले आता है। 13 जून 1999 को मेजर मनोज तलवार और सीएचएम यशवीर सिंह बलिदान हुए थे। 28 जून को मेरठ के लांस नायक सत्यपाल सिंह और तीन जुलाई को नायक जुबेर अहमद ने शहादत पाई। पांच जुलाई को ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह की शहादत हुई और इसके साथ इंजीनियरिंग कोर के सैपर सतीश कुमार ने कारगिल में अपना बलिदान देकर देश की सीमाओं को सुरक्षित किया था। यशवीर सिंह को मरणोपरांत वीरचक्र और सतीश कुमार को सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

चार्जिंग रैम डिवीजन के प्रेरणास्थल पर शहीदों को श्रद्धाजंलि
आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर सेना की ओर से छावनी स्थित चार्जिंग रैम डिवीजन के प्रेरणास्थल पर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। सब-एरिया कमांडर प्रेरणा स्थल पर पहुंचे और वहां पर पुष्प चढ़ाएं गए। इसी के साथ ही वीरनारियों व बलिदानियों की माताओं को सम्मानित कर उनसे मुलाकात भी की। 

Also Read