स्वास्थ्य विभाग बनाम झोलाछाप : टीम की वीडियोग्राफी कर व्हाट्सऐप पर फैलाई जा रही थी सूचना, दो गिरफ्तार

UPT | Health Department Raid

Sep 28, 2024 15:16

यह घटना डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल की अगुवाई में हुई, जब टीम मझोला क्षेत्र में पहुंची थी। दो युवकों को इस कार्य में लिप्त पाए जाने पर रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया...

Short Highlights
  • स्वास्थ्य विभाग की टीम का लोकेशन व्हाट्सऐप पर साझा करने का मामला
  • कार्रवाई के लिए निकली गाड़ी की वीडियोग्राफी
  • मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
Moradabad News : मुरादाबाद जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों के ठिकानों पर कार्रवाई के लिए निकली स्वास्थ्य विभाग की टीम का वीडियो बनाकर उसकी लोकेशन को व्हाट्सऐप ग्रुपों में साझा करने का मामला सामने आया है। यह घटना डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल की अगुवाई में हुई, जब टीम मझोला क्षेत्र में पहुंची थी। दो युवकों को इस कार्य में लिप्त पाए जाने पर रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उनके खिलाफ मझोला थाने में मामला दर्ज कराया गया।

व्हाट्सऐप ग्रुप में लाइव लोकेशन शेयर करने का आरोप
इस बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी सीएमओ ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए निकली उनकी गाड़ी जब मझोला क्षेत्र में पहुंची, तब उन्हें संदेह हुआ कि उनकी वीडियोग्राफी की जा रही है और इसे किसी व्हाट्सऐप ग्रुप में साझा किया जा रहा है। जांच करने पर देखा गया कि दो युवक बाइक पर बैठकर उनकी गाड़ी के पीछे वीडियो बना रहे थे। संकरे रास्ते पर गाड़ी रोककर उन युवकों को पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन एक युवक तुरंत फरार हो गया, जबकि दूसरे को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया। डिप्टी सीएमओ डॉ. बेलवाल ने इस घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 



टीम के पहुंचने से पहले ही दी गई छापेमारी की सूचना
दरअसल, मुरादाबाद में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सघन छापेमारी की योजना बनाई। सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह की गंभीरता के चलते यह कार्रवाई शुरू हुई, लेकिन टीमों के इलाके में पहुंचने से पहले ही झोलाछापों को उनके आने की सूचना दे दी गई। गाड़ी में बैठे सीएमओ की लोकेशन को हाइजैक करके इसे वायरल करने का मामला सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई को कमजोर करने की कोशिश की गई।

सोशल मीडिया पर वायरल की गई लोकेशन
सीएमओ डॉ. कुलदीप ने बताया कि उनकी लाइव लोकेशन सुबह से लेकर रात तक सोशल मीडिया पर वायरल की गई। जैसे ही उन्होंने अपने घर से निकलकर गांगन पुल के पास पहुंचते ही उनकी लोकेशन को शेयर किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान, रात में उनके घर पहुंचने के बाद भी झोलाछापों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर उनकी लोकेशन का संदेश भेजा गया, जिससे यह पता चलता है कि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही थी।

व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़े जाने पर हुआ संदेह
इस सब के बीच, जब डॉ. कुलदीप को पता चला कि उन्हें उस व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया है, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा। डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल ने भी जब खुद को ग्रुप में देखा, तो उन्होंने तुरंत ग्रुप छोड़ दिया। इस तरह से उन लोगों के बीच संचार का पता चला, जो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चल रही कार्रवाई को विफल करने की कोशिश कर रहे थे। डॉ. कुलदीप ने कहा कि इस मामले ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर किया है कि झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान उनकी सुरक्षा और गोपनीयता को कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है। 

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