16 बार दंगों की आग में झुलसा संभल : 46 साल बाद भी नहीं मिला न्याय, 209 हिंदुओं की गई जान

UPT | 16 बार दंगों की आग में झुलसा संभल

Dec 17, 2024 10:35

संभल ने आजादी के बाद से अब तक 16 बार सांप्रदायिक दंगों की त्रासदी झेली है। जिसमें सबसे भयावह घटना 29 मार्च 1978 को घटी थी।

Sambhal News : संभल ने आजादी के बाद से अब तक 16 बार सांप्रदायिक दंगों की त्रासदी झेली है। जिसमें सबसे भयावह घटना 29 मार्च 1978 को घटी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इन दंगों में अब तक 209 हिंदुओं की जान गई, लेकिन 46 साल बाद भी दोषियों को सजा नहीं मिल सकी।

वह दिन याद कर आज भी सिहर उठते हैं संभल के हिंदू
29 मार्च 1978 वही स्याह तारीख है। जिसने संभल में भाईचारे की डोर को नफरत की कैंची से कांट दिया। आज भी संभल के हिंदू 29 मार्च 1978 की तारीख सुनकर सिहर उठते हैं। हालांकि, स्थानीय मुस्लिमों की मानें तो हिंदुओं के पलायन की वजह दहशत नहीं है बल्कि वे अपनी मर्जी से यहां से चले गए। वहीं हिंदुओं का दावा है कि संभल में सांप्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है। 1947 से अब तक संभल में 16 सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, जिसमें लगभग 209 लोगों की मौत हुई।

शहर में दो महीने तक कर्फ्यू
1978 का दंगा संभल के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 29 मार्च को हुई हिंसा के दौरान शहर जल उठा था। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को दो महीने तक कर्फ्यू लगाना पड़ा। इसके बावजूद शहर में तनाव बना रहा। इस दंगे की शुरुआत एक अफवाह से हुई। जब दुकानों को बंद कराने के प्रयास के दौरान दो समुदायों के बीच टकराव हो गया। विवाद बढ़ते-बढ़ते हिंसा में बदल गया और देखते ही देखते पूरा शहर लूटपाट, आगजनी और पथराव की चपेट में आ गया। जिसमें कई हिंदुओं की जान गई और दर्जनों परिवारों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की जानें दंगों के चलते गई हैं। उस समय की घटनाएं पलायन के गवाह के रूप में आज भी याद की जाती हैं।

169 एफआईआर दर्ज फिर भी न्याय अधूरा
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि दंगे के दौरान 169 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिनमें से तीन एफआईआर पुलिस की ओर से कराई गई थीं। लेकिन इतने वर्षों के बाद भी किसी को सजा नहीं मिल सकी। मुख्यमंत्री ने न्याय प्रक्रिया की धीमी गति पर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। कमिश्नर ने कहा कि दंगे से जुड़ी फाइलें मंगाई गई हैं और यह समीक्षा की जाएगी कि साक्ष्य इकट्ठा करने में कहां चूक हुई और गवाहों को कितनी बार अदालत में पेश किया गया।

दंगों के बाद पलायन और औने-पौने दामों पर मकान बिक्री
1978 के दंगे के बाद शहर में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने अपने घर और संपत्तियां औने-पौने दामों में बेच दीं और अन्य सुरक्षित इलाकों में पलायन कर गए। संभल ने आजादी के बाद से अब तक 16 बार सांप्रदायिक दंगों का सामना किया है।

40 रस्तोगी परिवारों ने छोड़ा घर
1978 के दंगे के बाद शहर में असुरक्षा और भय का माहौल बना रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उस समय 40 रस्तोगी परिवारों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। शहर में मंदिरों में पूजा-अर्चना बंद हो गई थी और 46 वर्षों तक खग्गू सराय का शिव मंदिर भी बंद पड़ा रहा।

46 साल बाद खुले शिव मंदिर के कपाट
मुख्यमंत्री के बयान के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने दंगों से जुड़े मामलों की फाइलें मंगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही 46 वर्षों से बंद पड़े खग्गू सराय के प्राचीन शिव मंदिर के कपाट प्रशासन और स्थानीय लोगों के प्रयासों से खुल गए। सोमवार को मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के श्रद्धालु शामिल हुए।

प्राचीन मूर्तियां और कुओं का पुनर्निर्माण
शिव मंदिर के परिसर में शनिवार को खोदाई के दौरान प्राचीन कुएं से भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की तीन खंडित मूर्तियां बरामद हुईं। एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि मूर्तियों के खंडित होने के कारणों की जांच की जाएगी। इसके अलावा सोमवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में चार और प्राचीन कुएं पाए गए हैं। पालिका ने अतिक्रमण हटाकर इन कुओं का पुनर्निर्माण और संवारने का कार्य शुरू कर दिया है।

सपा नेताओं के मोहल्लों में चला अतिक्रमण विरोधी अभियान
शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान लगातार जारी है। सोमवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय और विधायक इकबाल महमूद के इलाके में जेसीबी से अतिक्रमण हटाया गया। इसके साथ ही हातिम सराय में भी नालियों के स्लैब तोड़े गए। अतिक्रमण हटाने के अभियान को सफल बनाने के लिए नगरपालिका ने उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। ईओ ने व्यापारियों से स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने का आग्रह किया।

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