आजम खान के पास 10 हजार भी नहीं : बेटे के केस में भरना था जुर्माना, कोर्ट से मांगा थोड़ा और समय

UPT | आजम पक्ष ने कोर्ट से मांगा समय

Sep 18, 2024 00:09

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का डबल पैन कार्ड से संबंधित मामला रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इसी मामले में कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम पक्ष पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

Short Highlights
  • अब्दुल्ला आजम के मामले में हो रही सुनवाई
  • डबल पैन कार्ड से जुड़ा है मामला
  • जुर्माना भरने के लिए मांगा समय
Rampur News : कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा रखने वाले आजम खान और उनका परिवार अब पैसों की तंगी से जूझता नजर आ रहा है। हालिया मामले से तो ऐसा ही लगता है। दरअसल आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दोहरे पैन कार्ड से जुड़े मामले में कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन आजम परिवार की सूबे की सियासत में तूती बोलती थी, ऐसा लगता है कि उनके पास जुर्माना भरने के लिए 10 हजार रुपये भी नहीं है।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का डबल पैन कार्ड से संबंधित मामला रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इसी मामले में कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम पक्ष पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन आजम परिवार की तरफ से कोर्ट से कहा गया कि उन्हें इस रकम की व्यवस्था करने के लिए थोड़ा समय चाहिए। उनकी तरफ से कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा गया है कि 10 हजार रुपये का इंतजाम नहीं हो पाया है, थोड़ा और समय दिया जाए।

अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस
अब्दुल्ला आजम समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हैं। उन पर भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना ने केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया है कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए और दोनों का ही इस्तेमाल किया। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में इसकी सुनवाई हो रही है। केस में सभी गवाहों के बयान हो चुके हैं। बचाव पक्ष ने जिरह के लिए रिकॉल करने की अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

18 सितंबर को होगी सुनवाई
अभियोजन अधिकारी के मुताबिक आजम पक्ष की ओर से जुर्माना भरने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया था। लेकिन बताया जा रहा है कि पत्रावली अंतिम अवसर पर है। इसलिए अदालत ने 18 सितंबर की तारीख तय की है। आपको बता हें कि दोबारा जिरह की मांग को अदालत की कार्यवाही में देरी के लिए की गई कोशिश मानकर अब्दुल्ला पक्ष पर जुर्माना लगाया गया था।

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