पराली जलाने पर प्रशासन ने की सख्ती : किसानों को सरकारी योजनाओं से वंचित करने की दी चेतावनी, ग्राम प्रधानों को भी नोटिस जारी

UPT | जलती हुई पराली

Oct 24, 2024 13:38

संभल जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 58 किसानों पर भारी जुर्माना लगाया है। पराली जलाने से रोकने में असफल ग्राम प्रधानों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

Sambhal News : वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे उत्तर भारत में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। संभल जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने 58 किसानों पर भारी जुर्माना लगाया है।  पराली जलाने से रोकने में असफल ग्राम प्रधानों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं, जैसे राशन कार्ड, से वंचित किया जा सकता है।



सैटेलाइट से रखी जा नजर
जिले के उप कृषि निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी के अनुसार भारत सरकार के सैटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जनपद में कुल 83 पराली जलाने के मामले सामाने आए हैं। इनमें से 58 मामलों की पुष्टि होने के बाद संबंधित किसानों पर कुल 1,87,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अब तक 1,30,000 रुपये की वसूली की जा चुकी है और शेष राशि की वसूली प्रक्रिया जारी है।

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ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी
प्रशासन ने इस मामले में और भी कड़े कदम उठाए हैं। पराली जलाने की रोकथाम में सहयोग न करने वाले ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही दोषी किसानों को राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। जुर्माने का निर्धारण खेत के आकार के अनुसार किया जाता है। दो एकड़ तक की भूमि पर पराली जलाने पर 2,500 रुपये का जुर्माना लगता है जबकि 2 से 5 एकड़ के लिए यह राशि 5,000 से 15,000 रुपये तक हो सकती है।

पराली जलाने वाले प्रमुख जिले
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष पराली जलाने के सर्वाधिक मामले अलीगढ़ में (25) दर्ज किए गए, उसके बाद संभल (12), बुलंदशहर (11), मथुरा (05), फैजाबाद (04), गौतम बुद्ध नगर (04), गाजियाबाद (03), शाहजहांपुर (03) और बदायूं (02) का स्थान है।

प्रशासन ने दी चेतावनी
प्रशासन ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंध के बावजूद पराली जलाते पकड़े जाने वाले किसानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी और उन्हें सभी सरकारी योजनाओं के लिए अपात्र घोषित कर दिया जाएगा। यह पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है।

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