संभल से बड़ी खबर : पौराणिक कल्कि मंदिर के कृष्ण कूप का एएसआई सर्वे शुरू, परिसर में पहुंची टीम

UPT | कृष्ण कूप का एएसआई सर्वे शुरू

Dec 21, 2024 12:48

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मुस्लिम बहुल इलाके में सनातन से जुड़े लगातार नए सबूत सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने इन स्थानों का सर्वे शुरू कर दिया है...

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मुस्लिम बहुल इलाके में सनातन से जुड़े लगातार नए सबूत सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने इन स्थानों का सर्वे शुरू कर दिया है। ASI की टीम ने दूसरे दिन भी सर्वे का काम जारी रखा और शनिवार को कल्कि विष्णु मंदिर का निरीक्षण किया। इस सर्वे में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इससे पहले, ASI टीम ने 19 कुएं और 5 तीर्थ स्थलों का निरीक्षण किया था। 

कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
दरअसल, सर्वे के दौरान आज कृष्ण कूप का निरीक्षण किया गया, जो कल्कि मंदिर के मुख्य द्वार के पास स्थित है। यह कूप संभल के जामा मस्जिद से केवल 500 मीटर की दूरी पर है। कूप को चारों ओर से पांच फीट ऊंची दीवारों से घेरा गया है और इसके भीतर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है। इस कूप का सर्वे ASI टीम द्वारा किया गया और इसके साथ मंदिर के अंदर भी निरीक्षण किया गया। टीम ने मंदिर के गुंबद का फोटो भी लिया और पुजारी से भी जानकारी प्राप्त की। 



सर्वे के पहले दिन प्राचीन इमारत से निकले पत्थरों का निरीक्षण
वहीं सर्वे के पहले दिन, ASI की टीम ने संभल के लाडम सराय स्थित मंदिर में एक प्राचीन इमारत से निकले पत्थरों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने भद्रकाश्रम, स्वर्गदीप और चक्रपाणि जैसे प्राचीन तीर्थ स्थलों का भी अध्ययन किया। इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व का गहन विश्लेषण किया गया। सूत्रों के अनुसार, ASI ने प्रशासन से यह अनुरोध किया था कि इस निरीक्षण की मीडिया कवरेज से बचा जाए, ताकि गोपनीयता बनी रहे। संभल क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इस निरीक्षण को किया जा रहा है।

डीएम ने एएसआई को भेजा था पत्र
गौरतलब है कि 14 दिसंबर को जब एक 46 साल पुराना मंदिर खोला गया, तब जिलाधिकारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पत्र भेजा था, जिसके बाद ASI की चार सदस्यीय टीम निरीक्षण के लिए संभल पहुंची। इससे पहले, मंदिर के पास स्थित कुएं के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई थी। इस दौरान मंदिर में पूजा-पाठ के बीच ASI टीम का निरीक्षण किया गया। यह प्रक्रिया काफी संवेदनशील थी, इसलिए पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा गया।

डीएम पेंसिया ने दी जानकारी
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मंदिर का सर्वेक्षण सुरक्षित तरीके से पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्राचीन कार्तिकेय मंदिर की कार्बन डेटिंग गुप्त तरीके से ASI द्वारा की गई। सुरक्षा कारणों से इसे मीडिया से दूर रखा गया। जिलाधिकारी के अनुसार, ASI की टीम ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि निरीक्षण को गोपनीय रखा जाए और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न हो।

पुराणों में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का जिक्र
बता दें कि हिंदू धर्म के पुराणों में भगवान विष्णु के दस अवतारों का उल्लेख है और कल्कि उनका दसवां और अंतिम अवतार माने जाते हैं। यह माना जाता है कि जब कलयुग अपने अंतिम चरण में पहुंचेगा, तब भगवान कल्कि धरती पर अवतार लेंगे। इस मान्यता के आधार पर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कल्कि धाम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जहां भगवान विष्णु के दसों अवतारों को प्रतिष्ठित किया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण उसी गुलाबी पत्थर से किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर में किया गया है। खास बात यह है कि इस मंदिर में स्टील की धातु का उपयोग नहीं किया जाएगा, जैसे राम मंदिर में नहीं किया गया। जानकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग 5 वर्ष का समय लग सकता है।

कैसा होगा भगवान कल्कि का अवतार
कल्कि धाम मंदिर में भगवान कल्कि की मूर्ति सफेद घोड़े पर विराजमान होगी, जैसा कि पुराणों में वर्णित है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव देवदत् नामक सफेद घोड़े पर भगवान कल्कि को सवार करेंगे, जिनके एक पैर को हवा में उठाए हुए दर्शाया जाएगा। यह पैर धीरे-धीरे नीचे झुकेगा और जिस दिन यह पूरा झुकेगा, तब कल्कि का अवतार माने जाने की संभावना होगी। पुराणों के अनुसार, जब कलयुग में पाप और अत्याचार का प्रकोप बढ़ जाएगा, तब भगवान विष्णु अपने दसवें अवतार के रूप में कल्कि अवतार लेकर दुनिया में आएंगे। यह स्थान, जहां यह मंदिर बन रहा है, वही स्थान है जिसका उल्लेख प्राचीन धर्मग्रंथों में कल्कि के जन्म स्थान के रूप में किया गया है, और वह स्थान वर्तमान में उत्तर प्रदेश का संभल है।

46 साल बाद खोला गया मंदिर
संभल में यह मंदिर 46 साल से बंद पड़ा हुआ था और 14 दिसंबर को इसे खोला गया। जब पुलिस द्वारा उपद्रवियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, तो मंदिर की खोज हुई। यह मंदिर 1978 का बताया जा रहा था और यह सपा सांसद के घर से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित था। मंदिर खोलने के बाद पूजा पाठ की गई और इसके बाद आसपास के कुएं की खुदाई भी कराई गई। इस घटना के बाद, संभल के अन्य इलाकों में भी और मंदिरों का पता चला। फिलहाल, इस समय संभल जिले में ऐतिहासिक स्थलों का सर्वे जारी है और ASI की टीम इन स्थलों का गहन अध्ययन कर रही है।

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