नीट यूजी परीक्षा रद्द करने के पक्ष में नहीं सरकार : सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, कहा- ईमानदार छात्रों के साथ अन्याय होगा

UPT | नीट यूजी परीक्षा रद्द करने के पक्ष में नहीं सरकार

Jul 05, 2024 18:59

देशभर में मेडिकल के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नीट में कथित धांधली के आरोपों के बाद छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से इम्तिहान कराए जाएं। लेकिन केंद्र सरकार इसके पक्ष में नहीं है।

Short Highlights
  • नीट परीक्षा रद्द करने के पक्ष में नहीं सरकार
  • सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
  • 8 जुलाई से होनी है सुनवाई
New Delhi : देशभर में मेडिकल के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नीट में कथित धांधली के आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है। छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से इम्तिहान कराए जाएं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं भी डाली गई है। 8 जुलाई से मामले की सुनवाई होनी है। लेकिन केंद्र सरकार इसके पक्ष में नहीं है। सरकार की तरफ में मामले में हलफनामा दाखिल किया गया है।

सरकार ने क्या दी दलील?
लीगल मामलों को कवर करने वाली वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर नीट यूजी की परीक्षा रद्द करने का विरोध किया। हलफनामे में कहा गया कि गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा रद्द करना तर्कसंगत नहीं है। सरकार ने हलफनामे में लिखा- 'बड़ी संख्या में स्टूडेंट के हितों को भी खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए, जिन्होंने बिना किसी कथित अनुचित तरीके को अपनाए परीक्षा दी। परीक्षा पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में इम्तिहान देने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को नुकसान होगा।'

पारदर्शी परीक्षा के लिए जताई प्रतिबद्धता
सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि यह पाया जाता है कि प्रश्नपत्रों की गोपनीयता से समझौता किया गया तो अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने मांग की कि परीक्षा रद्द करने से संबंधित सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है और एनटीए के पारदर्शी कामकाज के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।

8 जुलाई से होनी है सुनवाई
नीट यूजी परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में 8 जुलाई से सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था, इसलिए इसे रद्द किया जाए। आपको बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। लेकिन साथ ही केंद्र और एनटीए से जवाब भी मांगा था। केंद्र की तरफ से अभी केवल प्रारंभिक हलफनामा दायर किया गया है।

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