कोचिंग सेंटर हादसे में बड़ा अपडेट : हाईकोर्ट ने बेसमेंट के 4 सह-मालिकों को दी जमानत, सीबीआई ने किया था विरोध

UPT | कोचिंग सेंटर हादसे में बड़ा अपडेट

Sep 13, 2024 18:48

दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU’s IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए जलसैलाब से तीन छात्रों की मौत के मामले में चार सह-मालिकों को 30 जनवरी, 2024 तक अंतरिम जमानत दे दी है।

Short Highlights
  • कोचिंग सेंटर हादसे में बड़ा अपडेट
  • 4 सह-मालिकों को मिली जमानत
  • सीबीआई कर रही मामले की जांच
New Delhi : दिल्ली हाईकोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU’s IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए जलसैलाब से तीन छात्रों की मौत के मामले में चार सह-मालिकों को 30 जनवरी, 2024 तक अंतरिम जमानत दे दी है। इस जमानत की शर्त के रूप में अदालत ने उन्हें 5 करोड़ रुपये रेड क्रॉस सोसाइटी में जमा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने इस घटनाक्रम को 'लालच' का परिणाम बताते हुए कहा कि आरोपियों ने अवैध गतिविधियों के लिए बेसमेंट को किराए पर दिया था, जिससे यह हादसा हुआ। अदालत ने माना कि इन गतिविधियों के परिणामस्वरूप छात्रों की मौत हुई, जो पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य है।

दिल्ली के एलजी से आग्रह
अदालत ने दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना से आग्रह किया है कि एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करें, जो हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में काम करेगी। इस समिति का प्रमुख कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली में बेसमेंट में कोई भी कोचिंग सेंटर बिना उचित अनुमति के संचालित न हो। इसके अतिरिक्त, समिति को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि कोचिंग सेंटर के संचालन के लिए एक वैध और सुरक्षित स्थान निर्धारित किया जाए। यह कदम इस दुर्घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उठाया गया है और सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रयास है।

सह मालिक बोले- घटना में भूमिका नहीं
जमानत याचिका में सह-मालिकों ने दावा किया था कि वे केवल बेसमेंट के मालिक हैं, जिसे कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था और इस घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि, सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और स्वतंत्र गवाहों से पूछताछ पूरी होने तक जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सीबीआई का तर्क था कि यदि आरोपियों को इस दौरान राहत दी जाती है, तो यह मामले की निष्पक्ष जांच में रुकावट पैदा कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप न्याय की प्राप्ति में विलंब हो सकता है।

सीबीआई कर रही जांच
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई से पूछा था कि 27 जुलाई को जलभराव का क्या कारण था। सीबीआई के वकील ने बताया कि घटना के समय बेसमेंट में 35 से 40 छात्र मौजूद थे और पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि गेट टूटने के बाद कुछ ही सेकंड में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इस जानकारी के आधार पर, अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि मामले की पूरी जांच की जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह जलभराव प्राकृतिक कारणों से था या इसके पीछे कोई अन्य कारण था।

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