लखनऊ की सियासी होली : अटल से लेकर टंडन तक जुलूस में होते थे शामिल, मुस्लिम इलाकों में होती थी फूलों की बारिश

UPT | कुछ इस तरह निकलता था जुलूस।

Mar 24, 2024 08:21

चौक की इस सियासी होली के मौजूदा समय में संयोजक और भाजपा नेता अनुराग मिश्रा बताते हैं कि पिछले आठ दशकों से यहां पर जुलूस निकालने की परंपरा है।

Lucknow News : पूरे देश में होली की धूम देखी जा रही है। कहीं फूल तो कही रंगों से खेलकर लोग होली का जश्न मना रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सियासी होली अपने आप में बेहद चर्चित रहती है। लखनऊ के चौक इलाके में दशकों से होली का भव्य जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस की खासियत यह है कि इसमें एक तरफ सभी धर्मों के लोग शामिल होते है तो दूसरी तरफ सियासत के कई बड़े चेहरे भी इसकी अगुवाई करते रहे हैं। 

आठ दशकों से निकलता है जुलूस
चौक की इस सियासी होली के मौजूदा समय में संयोजक और भाजपा नेता अनुराग मिश्रा बताते हैं कि पिछले आठ दशकों से यहां पर जुलूस निकालने की परंपरा है। उससे पहले यहां पर बदरंग होली खेली जाती थी यानी कि कीचड़ फेकना और कपड़े फाड़ के हुडदंग होता था, लेकिन मिलन के इस उत्सव को बदरंग होने से बचाने के लिए बड़े बुजुर्गो ने तकरीबन आठ दशक पूर्व संकल्प लिया और हाथी, घोड़े ऊंट के साथ रंग खेलते हुए होली का जश्न मनाया जाने लगा। अनुराग मिश्रा उर्फ अन्नू बताते हैं कि इस जश्न और जुलूस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालजी टंडन और कई राज्यपालों ने भी शिरकत की है। अब इस परंपरा को पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा कायम किए हुए है। 

मुस्लिम मोहल्ले से बरसाए जाते हैं गुलाब
भाजपा नेता अनुराग मिश्रा बताते हैं कि लोग कहा करते थे कि मुस्लिम इलाकों से जुलूस नहीं ले जाना नहीं तो झगड़ा हो जाएगा। हालांकि जब हमारे नेता और आम लोग उन इलाकों से निकलते हैं तो मुसलमानों के मंचों से गुलाब और गेंदे के फूल की वर्षा होती है। कहीं पर मुस्लिम बुजुर्ग इत्र लगाकर एक दूसरे से गले भी लगते है। 

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपयी और लालजी टंडन को याद करते हुए अन्नू मिश्र कहते हैं कि आज वो लोग ज़िंदा नहीं है, जिन्होंने हमें होली खेलना सिखाया लेकिन उनकी यादें जरूर है। लालजी टंडन के एक दोस्त किशन गुप्ता अक्सर मुनक्के नाम के पेड़े लेकर आते थे जिसे सबको दिया जाता था। होली खेल रहे लोग भी पेड़ों को खूब खाते थे और घंटों तक जश्न मनाते थे, लेकिन कुछ वर्ष बाद पता चला कि उसमें भांग मिली होती थी जिसकी वजह से लोग इतना झूम के नाचते थे।

जब कांग्रेसी नेता ने संभाल लिया भाजपा का सजाया हुआ मंच
पुराने दौर को याद करते हुए अन्नू मिश्रा बताते हैं कि चौक में होली का मंच सजा था और कई भाजपा नेता वहां पर मौजूद थे इस बीच चुनावी माहौल भी लखनऊ में खूब चरम पर था। अचानक कांग्रेस के नेता और उस समय की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी मंच पर पहुंच गईं। मीडिया में खूब हलचल मच गई कि भाजपा नेताओं के बीच रीता बहुगुणा पहुंच गई हैं। हालांकि लालजी टंडन ने तब मंच से इस बात को कहा कि यह होली के जश्न का मंच है और इसको सियासत से जोड़कर नहीं देखा जाए। शायद यही लखनऊ की गंगा जमनी तहज़ीब है, जिसमें सियासत में एक दूसरे के दुश्मन जब सामने आते है तो दोस्त बन जाते है और त्योहार जब होली का हो तो कई तरह के रंग फिज़ा में फैल जाते हैं।
 

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