हिंसा का मास्टरमाइंड फरार : जानिए कौन है अब्दुल मलिक जिसने फैलाया उपद्रव, नजूल भूमि के अवैध निर्माण ऐक्शन का किया विरोध 

UPT | Haldwani Violence

Feb 11, 2024 13:52

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा की आग भड़काने वालों को अब पुलिस दबोचने में जुट गई है। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में पथराव, आगजनी, पेट्रोल बम के जरिए हिंसा फैलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों...

Haldwani Violence : उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा की आग भड़काने वालों को अब पुलिस दबोचने में जुट गई है। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में पथराव, आगजनी, पेट्रोल बम के जरिए हिंसा फैलाने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें यह खुलासा हुआ है की इसमें समाजवादी पार्टी के नेता का एक भाई, दो निवर्तमान पार्षद, एक खनन कारोबारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल है। हिंसा का मास्टरमाइंड अभी फरार है। 

मास्टर माइंड अब्दुल मलिक की तलाश
फिलहाल पुलिस को सबसे ज्यादा शक अब्दुल मलिक पर है जो फरार बताया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही जिस से अन्य आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। बता दें वनभूलपुरा उपद्रव में पुलिस ने 19 नामजद और करीब 5000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मलिक का बगीचा पर कब्जा करने वाले और अवैध निर्माण करने वाले अब्दुल मलिक के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। हालाँकि अभी वह फरार है। और उसकी तलाश जारी है। रिपोर्ट के मताबिक नजूल भूमि पर अवैध निर्माण पर ऐक्शन का सबसे ज्यादा विरोध अब्दुल मलिक ने किया था। पुलिस का कहना है भले ही मास्टर माइंड कोई हो लेकिन, अब्दुल मलिक सबसे ज्यादा शक के घेरे में है।

50 से ज्यादा हिरासत में, दबिश जारी
पांच लोगों की गिरफ्तारी के अलावा पुलिस उपद्रवियों को पहचान कर उन्हें हिरासत में ले रही है। इसके लिए पुलिस ने 12 टीमों का गठन किया है। वनभूलपुरा में हुए उपद्रव की वीडियोग्राफी और मोबाइल वीडियो रिकॉर्डिंग से उपद्रवियों की पहचान  है। पहचान के आधार पर पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। 

5000 अज्ञात पर केस
उपद्रव मामले में 19 लोगों को नामजद करते हुए 5000 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने तीन अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज किए हैं। इनमें दंगा, आगजनी, लूटपाट, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और हत्या के प्रयास के अलावा कई अन्य धाराएं लगाई गई हैं। सभी धाराएं गंभीर हैं। इन सभी में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस जांच रिपोर्ट के बाद चार्जशीट दाखिल करेगी। वहीं कोर्ट में सुनवाई के बाद जो भी आरोपी दोषी साबित होते हैं, उन्हें अपनी उम्र सलाखों के पीछे काटनी पड़ सकती है।

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