NEET मामले पर अब 18 जुलाई को सुनवाई : जानिए बहस के दौरान ऐसा क्या हुआ कि भड़क गए चीफ जस्टिस, वकील को दे दी नसीहत

फ़ाइल फोटो | NEET मामले पर 18 जुलाई को सुनवाई

Jul 11, 2024 17:05

देशभर में मेडिकल के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा नीट में धांधली के आरोप लग रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई हैं, जिनपर आज सुनवाई हुई। इसके बाद सुनवाई को अगले गुरुवार यानी 18 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया गया।

Short Highlights
  • NEET मामले पर अब 18 जुलाई को सुनवाई
  • याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने का मौका
  • सुनवाई के दौरान भड़क गए थे चीफ जस्टिस
New Delhi : देशभर में मेडिकल के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा नीट में धांधली के आरोप लग रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई हैं, जिनपर आज सुनवाई हुई। इसके बाद सुनवाई को अगले गुरुवार यानी 18 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया गया। कोर्ट ने केंद्र और एनटीए द्वारा दाखिल हलफनामों पर जवाब दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं को समय दिया है। वहीं कोर्टरूम में आज कुछ ऐसा भी हुआ, जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भड़क गए।

किस बात पर भड़के चीफ जस्टिस?
दरअसल कोर्टरूम में जब कई पक्षों के वकीलों ने कहा कि उन्हें एनटीए और केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे की कॉपी नहीं मिली, इस पर सीजेआई ने अगली सुनवाई सोमवार को करने की बात कही। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह सोमवार और मंगलवार को उपलब्ध नहीं रहेंगे, ऐसे में उन्होंने बुधवार को सुनवाई करने की गुजारिश की। तभी छात्रों के एक समूह के वकील जे. नेदमपारा ने कहा कि वह बुधवार के लिए तैयार हैं। इस पर चीफ जस्टिस बिगड़ गए। उन्होंने तुरंत वकील से कहा कि एक सेकेंड मिस्टर नेदमपारा, यहां जज आप नहीं, मैं हूं। आप खामोश रहें। CJI ने कहा कि बुधवार को छुट्टी है, इसलिए अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।

केंद्र और NTA के हलफनामे में क्या?
नीट में कथित धांधली पर मामले की सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है। केंद्र ने मामले में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि परीक्षा में किसी तरह की सामूहिक गड़बड़ी की आशंका नहीं है। आईआईटी मद्रास द्वारा किए डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि अंक वितरण एक घंटी के आकार का वक्र है, जो किसी भी बड़े पैमाने पर परीक्षा में देखा जाता है। यह किसी असामान्यता का संकेत नहीं देता। वहीं एनटीए ने कहा कि टेलीग्राम पर लीक हुए पेपर की तस्वीर फर्जी थी। इससे झूठी धारणा बनाने की कोशिश की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को हुई सुनवाई में केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा कि यदि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई और धोखाधड़ी के लाभार्थियों को ईमानदार उम्मीदवारों से अलग करना असंभव है तो फिर से परीक्षा आवश्यक हो सकती है। कोर्ट ने माना कि इससे 24 लाख छात्रों पर असर पड़ेगा और इसके प्रभाव को देखते हुए दोबारा परीक्षा ही अंतिम विकल्प हो सकता है। इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय कर दी गई।

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