Parcel Scam : कही आप भी न हो जाएं पार्सल स्कैम के शिकार, जानिए इससे बचने के तरिके

UPT | Parcel Scam

Jun 20, 2024 14:57

भारत में पार्सल स्कैम की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह स्कैम ऐसे फैल रहा है जैसे जंगल में आग फैलती है। हर दिन कई लोग इसका शिकार बन जाते...

New Delhi News : भारत में पार्सल स्कैम की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह स्कैम ऐसे फैल रहा है जैसे जंगल में आग फैलती है। हर दिन कई लोग इसका शिकार बन जाते है और इसके तहत अबतक करोड़ों रुपये की ठगी हो चुकी है। सरकार ने इस मामले में जागरूकता फैलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन लोगों के बीच जागरूकता और सतर्कता की कमी के कारण यह स्कैम बढ़ता जा रहा है। पार्सल स्कैम का मुख्य तरीका है कि लोगों को अलग-अलग तरीकों से उत्पादों या पैकेज भेजने के बहाने से उनसे पैसे ठग लिए जाते हैं। इसमें अक्सर फर्जी कंपनियों या अज्ञात लोगों का हाथ होता है। जो बाजार में निजी कूरियर सेवाओं के नाम पर अपनी ठगी चला रहे हैं।


अधिकारियों के नाम से होती है ठगी
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने पार्सल स्कैम को रोकने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी की है। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के बाहर से आने वाली स्पूफ कॉलों को पहचानना और रोकना है। इस साझेदारी के तहत माइक्रोसॉफ्ट ने सरकार को डिजिटल सुरक्षा में सहायता प्रदान करने के लिए अपने तकनीकी अवधारणाओं को अपनाया है। पार्सल स्कैम के माध्यम से कॉल आमतौर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के नाम से आते हैं। जिससे लोगों को धोखा दिया जाता है। हाल ही में सरकार ने इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई की है और माइक्रोसॉफ्ट की मदद से विभिन्न स्काईप आईडी को ब्लॉक कर दिया है। इस ब्लॉकेड सूची में 1,000 से अधिक ऐसे आईडी शामिल हैं जिन्होंने पार्सल स्कैम और डिजिटल अरेस्ट स्कैम में लोगों को ठगा था।

जानिए क्या है पार्सल स्कैम
पार्सल स्कैम एक नए प्रकार का साइबर स्कैम है। जिसमें ठग लोगों को विभिन्न सरकारी अधिकारियों की छवियों का इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सएप और फोन कॉल्स के माध्यम से धोखाधड़ी करते हैं। ठग लोग पहले फोन करके या व्हाट्सएप मैसेज भेजकर लोगों को बताते हैं कि वे नकली या वास्तविक अधिकारी हैं, जैसे एनसीबी, सीबीआई या कस्टम्स विभाग के। इन वास्तविकता में वे फर्जी सीबीआई के पत्र भेजते हैं और धमकाते हैं कि व्यक्ति को जेल भेजा जाएगा या उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्हें अपने नाम से सिम कार्ड या पासपोर्ट के बारे में जानकारी मांगते हैं और धन की लॉन्ड्रीकर्स के बारे में डराते हैं। जब व्यक्ति धन देने के लिए तैयार होता है, तो ठग लोग बार-बार पैसे मांगते हैं, जिसे 'डिजिटल अरेस्ट' के तहत व्यावहारिक बनाया जाता है। इस अरेस्ट में लोगों को धमकाते हुए वीडियो कॉल के माध्यम से बांधा जाता है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों से अधिक से अधिक पैसा निकालना होता है। यह साइबर ठगी तब होती है जब लोग इन ठगों की बातों में आकर अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी साझा कर देते हैं।

पार्सल स्कैम से बचने के तरीके
  • किसी भी आगंतुक से आने वाले कॉल या मैसेज का उत्तर बिना जांच-परखें ना दें। यदि आपको कोई संदेह हो तो सीधे संबंधित संस्था की वेबसाइट पर जाकर उनसे संपर्क करें।
  • यदि आपको संदेह हो कि आपका सामान पार्सल स्कैम का शिकार हो गया है, तो साइबर दोस्त की वेबसाइट पर इसे रिपोर्ट करें। वहां पर आपको संबंधित एजेंसी के साथ संपर्क करने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।
  • किसी भी सूरत में आपने अज्ञात व्यक्ति को पैसे न भेजें। अगर किसी व्यक्ति या संस्था की सत्यता पर शक है, तो उसे भुगतान से पहले जांचें और सत्यापित करें।
  • किसी भी स्थिति में अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक अकाउंट नंबर, पैन कार्ड नंबर, आधार नंबर या अपना ठिकाना उन्हें न दें। यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति इस जानकारी का दुरुपयोग नहीं कर सकता।

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