बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला बयान : हिंसा करने वालों को सख्त सजा मिले, मेरे पिता का अपमान हुआ...

UPT | शेख हसीना

Aug 13, 2024 21:51

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद पहली बार जनता को संबोधित करते हुए एक भावुक बयान जारी किया है।

Sheikh Hasina Statement : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद पहली बार जनता को संबोधित करते हुए एक भावुक बयान जारी किया है। उनके बेटे साजिब वाजेद जॉय ने शेख हसीना का यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। इस बयान में शेख हसीना ने देशवासियों से 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील की है।

राष्ट्रीय शोक दिवस पर शेख हसीना की अपील
शेख हसीना ने अपने बयान में कहा, "मैं आपसे अपील करती हूं कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को पूरी गरिमा और गंभीरता के साथ मनाएं। बंगबंधु भवन में पुष्पांजलि अर्पित करके और प्रार्थना के माध्यम से सभी शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।" उन्होंने 15 अगस्त 1975 की उस काली रात का जिक्र किया जब उनके पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। 

परिवार की हत्या और दर्दनाक यादें
शेख हसीना ने बताया कि 15 अगस्त 1975 को सिर्फ उनके पिता ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था। उन्होंने लिखा, "मेरे पिता, मेरी मां बेगम फाजिलतुन्नेस्सा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहिता पत्नियाँ सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल, मेरा छोटा भाई शेख रसेल जो सिर्फ 10 साल का था, सभी को निर्ममता से मार डाला गया।" उन्होंने आगे बताया कि उनके इकलौते चाचा स्वतंत्रता सेनानी लकवाग्रस्त शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान समेत कई अन्य को भी मार दिया गया था। शेख हसीना ने उन सभी शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, जो 15 अगस्त 1975 को मारे गए थे, और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
  हिंसा के दोषियों को सजा की मांग
शेख हसीना ने हाल के दिनों में बांग्लादेश में हुई हिंसा और तोड़फोड़ पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछले जुलाई से अब तक आंदोलन के नाम पर हुई तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने उन सभी पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। शेख हसीना ने कहा, "मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दी जाए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंसा और हत्या के अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि न्याय हो सके।

शेख मुजीबुर रहमान का अपमान और न्याय की पुकार
शेख हसीना ने अपने बयान में शेख मुजीबुर रहमान के प्रति किए गए अपमान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मसम्मान प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। मैं देशवासियों से न्याय की अपील करती हूं।"



शेख हसीना पर चलेगा हत्या का मुकदमा
अंत में, शेख हसीना ने जानकारी दी कि उनके और उनकी कैबिनेट के दो वरिष्ठ मंत्रियों, एक बर्खास्त पुलिस प्रमुख सहित अन्य छह लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा चलेगा। अदालत के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। शेख हसीना ने इस बात पर जोर दिया कि देश में न्याय की जरूरत है और दोषियों को उनके अपराध की सजा मिलनी चाहिए। शेख हसीना का यह बयान बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और हिंसा के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उनके बयान ने एक बार फिर से 15 अगस्त की भयावह घटनाओं और उनके परिवार के प्रति की गई नृशंसता को उजागर किया है, जो आज भी बांग्लादेश के इतिहास में एक दर्दनाक याद के रूप में जिंदा है।

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