बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के कांवड़ मार्गों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई

UPT | सुप्रीम कोर्ट

Jul 22, 2024 13:33

यूपी में कांवड़ रास्ते पर होटलों और ढाबों पर नाम लिखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम रोक लगा दिया है। इस मामले में कोर्ट ने दुकानदारों को अपनी पहचान पता करने के लिए नाम...

New Delhi News : यूपी में कांवड़ रास्ते पर होटलों और ढाबों पर नाम लिखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम रोक लगा दिया है। इस मामले में कोर्ट ने दुकानदारों को अपनी पहचान पता करने के लिए नाम या पहचान बताने की जरूरत नहीं है, जिससे यात्री या अन्य व्यक्ति को इस तरह की दुकानों में विशेषता पर जानकारी मिल सके। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड, और मध्य प्रदेश सरकारों को इस मुद्दे पर नोटिस जारी किया है और उन्हें शुक्रवार तक इस मामले में अपना जवाब देने को कहा है।


सुनवाई के दौरान केरल यात्रा का किया जिक्र
सुप्रीम कोर्ट में नेमप्लेट विवाद की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अल्पसंख्यकों की पहचान कर उनका आर्थिक बहिष्कार करने की चिंता जताई। उन्होंने यह बताया कि ऐसा करना एक चिंताजनक स्थिति हो सकती है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भट्टी ने केरल यात्रा से जुड़ी एक कहानी सुनाई। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी बात में यह भी कहा कि यदि नेमप्लेट के माध्यम से अल्पसंख्यकों को पहचाना जाएगा, तो इससे उनका समाज में अन्याय होगा। उन्होंने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि ऐसे फैसले का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

NGO ने 20 जुलाई को उच्च न्यायालय में दाखिल की थी याचिका
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ मार्ग पर स्थापित दुकानों में मालिकों के नाम लिखने का आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत सभी दुकानों को अपने मालिकों के नाम दिखाने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इस निर्णय ने राजनीतिक और सामाजिक दायित्वों वाले विभिन्न समुदायों में विवाद पैदा किया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया है, जिसमें सिविल राइट्स की संरक्षा के लिए काम करने वाली एक NGO भी शामिल है। इस NGO ने 20 जुलाई को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने इस आदेश को विरोध करते हुए समुदाय के संबंधों और व्यक्तिगत गोपनीयता की समस्याओं को उठाया है।

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