उत्तराखंड से बड़ी खबर : आखिरकार कानून बन गया यूनिफॉर्म सिविल कोड, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

UPT | उत्तराखंड में कानून बन गया यूनिफॉर्म सिविल कोड

Mar 13, 2024 18:15

उत्तराखंड की विधानसभा द्वारा पारित किए गए यूनिफॉर्म सिविल कोड के बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। समवर्ती सूची का विषय होने के कारण इसे राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था।

Short Highlights
  • राष्ट्रपति से मिली समान नागरिक संहिता को मंजूरी
  • उत्तराखंड में कानून बन गया यूनिफॉर्म सिविल कोड
  • नियम बनाने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन
New Delhi : उत्तराखंड में आखिरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून बन गया है। इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। नियमावली बनाने के लिए सरकार की तरफ से 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले यूसीसी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने को भाजपा की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

नियम बनाने के लिए कमेटी का गठन
उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए नियम बनाने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर, दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और उत्तराखंड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा शामिल हैं। नियमावली बनने के बाद ही यह कानून व्यवहारिक रूप से लागू हो पाएगा।

राष्ट्रपति के पास क्यों भेजा गया कानून?
दरअसल समान नागरिक संहिता समवर्ती सूची का विषय है। इस कारण इस पर राज्य द्वारा कानून बनाने के बाद अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। उत्तराखंड की विधानसभा ने हाल ही में इसे पारित किया था। सामान्य नागरिक संहिता कानून लागू होने के बाद माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ सकता है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड में क्या हैं नियम?
यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी धर्मों के लिए एकसमान कानून की वकालत करता है। इसके अनुसार संपत्ति बंटवारे, तलाक, विवाह संबंधी सभी मसलों पर सभी धर्मों के लोगों के लिए एक ही नियम-कानून लागू होंगे। उत्तराखंड की विधानसभा में पेश यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिव-इन रिलेशनशिप को कानून के तहत पंजीकृत कराने का भी नियम है।

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