Rajya Sabha elections : जनपद के खालीपन को भरेंगी भाजपा की ये महिला सांसद, जानिए कौन हैं डॉ संगीता बलवंत

UPT | Dr Sangeeta Balwant

Feb 27, 2024 15:09

गाजीपुर के राजनीति में उनके राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कहीं से भी कोई चर्चा नहीं थी। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग भी इस नाम को सुनकर अचंभित हुए...

Lucknow News: छात्रसंघ के चुनाव से मुख्यधारा की राजनीति में आने वाली संगीता बलवंत का नाम अक्सर लोगों को चौंका देता है। पहले तो उनका 2022 के विधानसभा चुनाव में सदर विधानसभा की प्रत्याशी बनना लोगों को चौका दिया तो अब वहीं उत्तर प्रदेश के सात राज्यसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम की जब घोषणा हुई और उन नाम में डॉ संगीता बलवंत के नाम की घोषणा हुई तो भी लोग चौंक गए।

क्योंकि गाजीपुर के राजनीति में उनके राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कहीं से भी कोई चर्चा नहीं थी। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग भी इस नाम को सुनकर अचंभित हुए। राजनीति के जानकारों का कहना है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के चुनाव हारने और 2022 की विधानसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद जनपद में जो खालीपन आया उसे संगीता बलवंत राज्यसभा सांसद बनकर भर सकती है।

बिंद समाज से ताल्लुक रखती है संगीता बलवंत
छात्रसंघ के चुनाव से महिला प्रत्याशी के तौर पर सियासी सफर तय करने वाली संगीता को राज्यसभा प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने पूर्वांचल की सियासत में जातिगत समीकरण के साधने की कोशिश की है। भाजपा ने संगीता को प्रत्याशी बना न सिर्फ बिंद समाज को तोहफा दिया है, बल्कि पिछड़ी जातियों को भी खुश किया है।

ऐसे शुरू हुआ सफर
बिंद समाज से ताल्लुक रखने वाली संगीता ने साल 1997 में पीजी कॉलेज छात्र संघ चुनाव में उपाध्यक्ष बनीं थी। उस वक्त कॉलेज चुनाव में कोई भी महिला प्रत्याशी नहीं थी। पहली बार उपाध्यक्ष बनकर सियासी राह पर चलने वाली संगीता बलवंत फिर 2005 से 10 तक बसपा से जिला पंचायत चुनी हई। साल 2013 में उन्हें मनोज सिन्हा ने भाजपा की सदस्यता दिलाई । साल 2017 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें पहली बार सदर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और जीतकर वह विधायक भी बनी।  

किताबों की शौकीन संगीता
संगीता बलवंत की शिक्षा एलएलबी, बीएड, पीएचडी मध्यकालीन इतिहास से हुआ और शुरू से ही इन्हें किताब लिखने का शौक रहा है। कई पुस्तकें प्रकाशित भी हो चुकी है। इनकी प्रकाशित पुस्तकों में बचपन के वो दिन बाल कथा संग्रह, सजा, मेरा प्यारा हिंदुस्तान, नेपाली लड़का, मछुआरा का बेटा, पंखुड़ियां आदि शामिल है।  विधायक रहने के दौरान एक पुस्तक का विमोचन खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।

लेखनी से मिले कई सम्मान
उनकी लेखनी को लेकर उन्हें कई सम्मान मिल चुके है। इसमें सुर सम्मान 2013, विरांगना सावित्रीबाई फुले अवार्ड, काव्य श्री की मानद उपाधि, हिंदी सांसद सम्मान, स्वर्गीय इंदु भूषण शर्मा ‘नीटू’ पुरस्कार, 2020 में आदर्श युवा विधायक सम्मान शामिल हैं।

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